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एक्सरसाइज न करने वालों में कोरोना से मौत का खतरा अधिक

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बनकर भारत में तबाही मचा रही है. बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1 लाख 85 हजार से भी ज्यादा नए संक्रमित मामले सामने आए हैं. बावजूद इसके अब भी बहुत से लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कोरोना से बचने के लिए अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाना जरूरी है और इसके लिए स्वस्थ और संतुलित भोजन के साथ ही जरूरी है एक्सरसाइज भी.

एक नई रिसर्च की मानें तो जो लोग एक्सरसाइजनहीं करते, फिर चाहे वह आलस की वजह से हो या फिर समय की कमी की वजह से, जिनकी लाफइस्टाइल है यानी दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहना है, ऐसे लोगों में कोरोना से मौत की आशंका अधिक होती है. लिहाजा इस मुश्किल की घड़ी में भी रोजाना नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और खुद को फिट रखना बेहद जरूरी है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में इस नई रिसर्च को पब्लिश किया गया है जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित 50 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था.

इस नई रिसर्च की मानें तो ऐसे लोग जो बीते 2 साल से फिजिकली इनएक्टिव हैं यानी किसी तरह की कोई शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं, एक्सरसाइज नहीं कर रहे उन्हें अगर कोरोना संक्रमण हो जाता है तो उनके अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में जाने या फिर मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों का अंग प्रत्यारोपण हो चुका है और जिनकी उम्र ज्यादा है, सिर्फ उन्हीं लोगों को एक्सरसाइज न करने वालों की तुलना में कोविड से मौत का खतरा अधिक है.

स्टडी के ऑथर्स ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार होने और मौत के खतरे के मामले में शारीरिक गतिविधि न करने वालों ने स्मोकिंग करने, मोटापे से पीड़ित और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी पीछे छोड़ दिया है. कोविड-19 का गंभीर इंफेक्शन होने का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जिनकी उम्र अधिक है, जिन्हें पहले से डायबिटीज या हृदय रोग है या फिर अगर वे पुरुष हैं.

स्टडी के नतीजे बताते हैं जो लोग एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाते हैं उनकी तुलना में आलसी लोग या किसी तरह की शारीरिक गतिविधि न करने वालों में कोविड-19 संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 20 प्रतिशत अधिक है, आईसीयू में भर्ती होने का खतरा 10 प्रतिशत अधिक है और कोविड से मौत का खतरा 32 प्रतिशत ज्यादा है.