ले. जनरल चंद ने कहा, चीन के रक्षा खर्च का एक बड़ा हिस्सा ‘अघोषित’ है। भारत को मौजूदा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अपनी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। आर्थिक विकास को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सैन्य क्षमता होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक छोटा देश और छोटी अर्थव्यवस्था है। इसलिए वह भारत के साथ बड़ी जंग की बजाय परोक्ष युद्ध लड़ रहा है। यह पाकिस्तान के सदाबहार साथी चीन के लिए भी सुविधाजनक है।
सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत के ढाई मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने के बयान पर उन्होंने कहा कि उनका आशय ‘युद्ध का उन्माद बढ़ाने के लिए’ नहीं था। उनके कहने का अर्थ था कि भारत को अपनी सुरक्षा पर और ध्यान देने की आवश्यकता है। पिछले महीने चीन की सेना ने जनरल रावत के बयान को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताते हुए उनसे युद्ध का शोर मचाना बंद करने को कहा था।
आने वाले समय में भारत के लिए बड़ा खतरा हो सकता है चीन, इंडियन आर्मी की चेतावनी.
भारत के पड़ोस के हिमालयी क्षेत्रों में चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। आने वाले वर्षों में वह भारत के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। उपसेनाप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने मंगलवार को यह बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीमापार से गोलाबारी कर पाकिस्तानी सेना आम नागरिकों को निशाना बना रही है।
स्कूल को निशाना बनाकर पाक फौज ‘बहुत निचले स्तर’ पर आ गई है। भारतीय सेना ऐसा नहीं करती। सेना और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की दो दिवसीय कांफ्रेंस एमीकोन 2017 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपसेनाप्रमुख ने कहा, भारत से पांच गुनी बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद चीन हमारे पड़ोस के हिमालयी क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इतनी बड़ी सेना होने और दोनों देशों के बीच हिमालय जैसा पहाड़ होने के बावजूद वह आने वाले वर्षों में हमारे लिए खतरा हो सकता है।