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अलौकिक, अद्भुत और अवर्णनीय है काशी

जादुई आवाज से सभी के दिलों पर राज करने वाली अनुराधा पौडवाल ने कहा कि देवों के स्वागत के लिए आयोजित देव दीपावली का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद सुखद अहसास है।  प्रख्यात गायिका अनुराधा पौडवाल ने कहा कि काशी की देव दीपावली का वर्णन शब्दों में करना असंभव है। बस मैं तो यही कहूंगी कि अलौकिक, अद्भुत और अवर्णनीय दृश्य है। देवता भी जब स्वर्ग से देखते होंगे तो उनको भी स्वर्ग सरीखा ही अहसास होता होगा। अस्सी से राजघाट तक सजी दीपमालिकाओं की स्वर्णिम सुंदरता ने हृदय के अंतरमन को छू लिया है। नब्बे के दशक में अपनी जादुई आवाज से सभी के दिलों पर राज करने वाली अनुराधा पौडवाल ने कहा कि देवों के स्वागत के लिए आयोजित देव दीपावली का हिस्सा बनने मेरे लिए बेहद सुखद अहसास है। कोविड काल के बाद इस तरह का आयोजन मन को बेहद सुकून देने वाला है। संगीत में आए बदलाव के सवाल पर अनुराधा ने कहा कि तकनीक और इंटरनेट की दुनिया ने संगीत में बहुत बदलाव किया है। नए गायक तेज संगीत और पाश्चात्य संस्कृति से ज्यादा प्रभावित हैं। इसलिए ऐसे तड़क-भड़क वाले गीत ज्यादा सुनने को मिल रहे हैं। हिंदुस्तानी फिल्मों का आधार ही संगीत है। कुछ दिनों बाद इससे भी लोग उब जाएंगे तो शास्त्रीय व सुमधुर संगीत का दौर फिर आएगा।
तस्वीरों में काशी की देव दीपावली: लाखों दीयों की रोशनी से जगमग हुए गंगा घाट, लहरों पर उभरी स्वर्णिम आभा अर्द्धचंद्राकार घाटों पर शाम से ही सजी दीपमाला, रेती पर भी दिखा उत्साह धर्मनगरी काशी में सदानीरा के तट पर विश्वविख्यात देव दीपावली पर शुक्रवार को देश-विदेश के सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ा। राजघाट से अस्सी तक दीपदान के लिए ऐसा रेला दोपहर से उमड़ना शुरू हुआ कि शाम से पहले ही घाटों की ओर जाने वाली गलियां जाम हो गईं। सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुृओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो देर शाम तक चलता रहा।  कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्य निकलने से पहले ही आस्था की डुबकी शुरू हुई तो सूर्य अस्त होते ही माटी के दीपों से घाट प्रकाशित हो उठे। राजघाट से पंचगंगा और उधर अस्सी से दशाश्वमेध तक पैर नहीं रख पाने के माहौल में शृंखलाबद्ध दीप देवताओं के धरती पर आगमन के स्वागत को आतुर थे। दोपहर बाद से ही लक्सा से लेकर दशाश्वमेध, शीतला, पंचगंगा, तुलसी, मुंशी, सिंधिया, आदिकेशव सहित अन्य घाटों पर पहुंचने के लिए लंबी कतार लग गई थी। घाट पर उमडे़ जनसैलाब के बीच हर-हर महादेव के गगनचुंबी जयकारों ने देव दीपावली की अनुपम छटा को और निखार दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तो लोगों को ठंड का अहसास भी नहीं हुआ।

51 कन्याओं ने उतारी मां गंगा की आरती –  दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से आयोजित गंगा आरती में 51 कन्याओं ने मां गंगा की आरती उतारी। अमर जवान ज्योति की अनुकृति पर आशीष तिवारी ने संस्था की ओर से रिथलेईंग की। इसके बाद 39 जीटीसी के जवानों ने बैंड की धुन के साथ गार्ड आफ ऑनर दिया। मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राना एवीएसम, पद्मश्री अनुराधा पौडवाल और एयर कमोडोर अनुज गुप्ता रहे। स्वागत गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने किया। आचार्य रणधीर के नेतृत्व में 21 ब्राह्मणों ने मां गंगा की आरती उतारी। दुर्गा चरण इंटर कॉलेज की 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के स्वरूप में चंवर डोला रही थीं। श्रीराम जनम योगी ने शंखनाद किया।