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अमर जवान ज्योतिः

अमर जवान ज्योतिः राहुल बोले- कुछ लोग बलिदान नहीं समझते

नई दिल्ली। इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति की मशाल की लौ 21 जनवरी से बंद हो गई। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में इस मशाल को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया गया। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने की। उनके द्वारा ही लौ को मिलाया गया। बता दें कि इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार ने 1914-21 के बीच जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की याद में बनाया था।

बाद में अमर जवान ज्योति को 1970 में पाकिस्तान पर भारत की बड़ी जीत के बाद युद्ध स्मारक में शामिल किया गया था। वहीं इंडिया गेट परिसर में बने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का 2019 में उद्घाटन किया गया था। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम हैं, जिन्होंने 1947-48 से विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई है। पाकिस्तान के साथ गलवान घाटी में युद्ध चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष।

अमर जवान ज्योतिः लौ का नेशनल वार मेमोरियल में हुआ विलय

आतंकवाद विरोधी अभियानों में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम भी स्मारक की दीवारों पर शामिल हैं। राहुल गांधी ने इस फैसले का विरोध जताते हुए एक ट्वीट किया है और उसमें बिना किसी का नाम लिए लिखा है कि कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते। राहुल ने ट्वीट किया, बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।

कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं३ हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे! अमर जवान ज्योति को नेशनल वार मेमोरियल (राष्ट्रीय युद्ध स्मारक) में विलय करने पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो भी हो रहा है, वह राष्ट्रीय शोक का विषय है और यह इतिहास को दोबारा लिखने का प्रयास है।

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अमर जवान ज्योति का वार मेमोरियल में विलय करना की ज्योति में विलय करने का मतलब इतिहास को मिटाना है। भाजपा ने नेशनल वार मेमोरियल का निर्माण कराया है, जिसका यह मतलब नहीं कि वे अमर जवान ज्योति को बुझा सकते हैं। भारतीय सेना के पूर्व डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) विनोद भाटिया ने कहा कि आज महान मौका है जब इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति का नेशनल वार मेमोरियल में विलय किया जा रहा है।

अमर जवान ज्योतिः यह अच्छा निर्णय है। अमर जवान ज्योति का नेशनल वार मेमोरियल में विलय करने का समय आ गया है। 49 साल से स्वतंत्रता दिवस के उद्घोषक रिटायर्ड ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत ने बताया कि इंडिया गेट, वार मेमोरियल का निर्माण अंग्रेजों ने किया था। नेशनल वार मेमोरियल का निर्माण उन सैनिकों की याद में किया गया, जिन्होंने 1947 के बाद देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।