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अब चीन का नया कारनामा ,19 साल पहले कोरोना मारे गए थे मांस के व्यापार

बीजिंग:चीन के ऊपर कोरोना फैलाने का आरोप शुरुआत से लगता आ रहा है. शुरुआत में कहा गया कि वुहान के मीट मार्केट से ये वायरस फैला है. बाद में चीन पर इस वायरस को लैब में बनाकर फैलाने का आरोप लगाया गया. अब चीन का एक नया कारनामा सामने आया है.

दुनिया में अचानक ही कोरोना वायरस फ़ैल गया. इस वायरस को कोविड 19 नाम दिया गया. इसके पीछे वजह थी कि इसका पहला केस 2019 में सामने आया था. 2019 के बाद से ये वायरस तेजी से दुनिया में फ़ैल गया. हालात ऐसे हो गए कि वायरस के रोकथाम के लिए लॉकडाउनलगा दिया गया. इसके बावजूद वायरस तेजी से फैलता गया. लेकिन अब जो सच सामने आ रहा है वो चीन को कठघरे में डाल रहा है.

डेली मेल के स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के बीजिंग में 2002 में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था. तब ये वायरस चीन के ग्वांगडोंग में वहां के कई रेस्त्रां के शेफ और मीट दुकानों के कसाइयों को हो गया था. उनमें सांस लेने की परेशानी और बुखार जैसे लक्षण देखे गए थे. इनमें से ज्यादातर लोग मांस के व्यापार से ही जुड़े थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिस्टीरियस बीमारी ने तब डॉक्टर्स को चिंता में डाल दिया था. इसके अलावा जो लोग मरीजों की देखभाल कर रहे थे, वो भी इसके लपेटे में आ गए थे.
ये सभी केसेस 2002 में सामने आए थे और इनके लक्षण पूरे कोरोना जैसे थे. हालांकि, उस समय किसी तरह इसपर काबू पा लिया गया था. पूरे दुनिया में तब ऐसे 774 केसेस मिले थे. नई रिपोर्ट के मुताबिक, ये उसी समय आज के लिए वार्निंग थी, जिसे इग्नोर किया गया. इसके बाद 2019 में ये काफी तेजी से फ़ैल गया. तब से लेकर अब तक इसपर कंट्रोल नहीं किया जा पाया है. इसे चीन का बायोलॉजिकल वेपन कहा जा रहा है.

मैरीलैंड विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड सिक्योरिटी स्टडीज के वरिष्ठ शोधकर्ता मिल्टन लीटेनबर्ग का तर्क है कि SARS ने चीन को सिखाया कि कैसे दुनिया को गलत परिणामों के साथ गुमराह, गलत सूचना और हेरफेर’ का शिकार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस लेसन के बाद चीन ने कोरोना वायरस को बड़ी आसानी से दुनिया में फैला दिया. आज चीन के षड्यंत्र का असर है कि दुनिया के कई देश शमशान में बदल गए.