लखनऊ, राजधानी के रहने वाले डॉ धीरज मेहरोत्रा ने लोगों को डिजिटली साक्षर बनाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने अब तक 150 एजूकेशनल एप्स डेवलप किए हैं। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय बन गये हैं।इसके लिए लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड ने इन्हेंं रिकग्नाइज भी किया है। इनका मकसद डिजिटल होते इंडिया में फ्री नॉलेज एप्स के जरिए लोगों को साक्षर बनाना है। क्यों उठाया ऐसा कदम…
– 44 वर्षीय डॉ धीरज मेहरोत्रा ने बताया कि उन्होंने राजधानी के सीएमएस कानपुर रोड ब्रांच में 14 साल कंप्यूटर पढ़ाया।
– इसके बाद बतौर प्रिंसपल द इंडियन पब्लिक स्कूल, रोहिणी दिल्ली में काम किया।
– यहींं से उनके मन में कंप्यूटर शिक्षा को हर व्यक्ति तक सुलभ रूप से पहुंचाने की ललक जगी।
– इसके अलावा वह सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के लिए कंप्यूटर की बुक्स भी लिखते रहे।
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम कर चुके हैं सम्मानित
– इनके कामों को देखते हुए इन्हें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी सम्मानति कर चुकेे हैं।
– उन्होंने मार्च 2015 में पहला एप रॉकस्टार टीचर बनाया, जिसे काफी सराहना मिली।
– इसमें क्वालिटी कंप्यूटर एजूकेशन के बेसिक्स से लेकर काफी महत्पूर्ण जानकारियां ऐसी प्रेजेंटेशन के साथ दी गईं थीं कि सीखने में अासानी रहे।
– इस एप से मिली प्रशंसा के बाद उन्होंने एक- एक करके 150 एप्स बना डाले।
– यह सब गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किए जा सकते हैं।
‘एक्सीलेन्स इन एजुकेशन’ पर कराईं हैं 1000 वर्कशाॅप
– उन्होंने बताया कि उनका मकसद डिजिटल इंडिया में लोगों को समय के साथ एजूकेशन में एक्सीलेंस के लिए प्रेरित करना है।
– वह अब तक इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर ‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन’ पर 1000 वर्कशाप्स आयोजित करवा चुके हैं।
– वह वर्तमान में वाइस प्रे्रेसीडेंट (एकेडमिक) नेक्स्ट एजुकेशन इंडिया के पद पर लखनऊ में कार्यरत हैं।
बनाए हैं 150 एप्स
– डॉ धीरज मेहरोत्रा ने जो 150 एप्स बनाए हैं, उनमें एनएलपी फाॅर टीचर, आइसीएसई कम्प्यूटर ट्यूटर, जावा फाॅर आइसीएसई, 99 स्कूल इंप्रूवमेन्ट प्लान्स, वाॅव क्लासरूम्स, केजन इन स्कूल, आॅनलाइन रेप्यूटेशन मैनेजमेन्ट फाॅर एजुकेटर्स, स्कूल मैनेजमेन्ट, एजुकेशन कनेक्ट, लर्निंग टू एक्सेल, जावा फाॅर आइएससी, कम्प्यूटिंग इथिक्स शामिल हैं।
-इसके अलावा लर्न टू अर्न, सिक्स सिगमा इन एजुकेशन, एजुकेशन कनेक्ट, प्राइड आॅफ लर्निंग, एजुकेशन डाटा माइनिंग, वी आर टीचर्स, साल्व्ड जावा प्रोग्राम्स, प्राइड आॅफ लर्निंग, जेआइटी इन एजुकेशन, द कनेक्टेड क्लासरूम, लर्निंग टू लर्न, लर्निंग वंडर्स फाॅर टीचर्स, क्लासरूम बाई च्वाइस एप्स भी बनाए हैं।
– वाॅव टीचर्स, सीबीएसई यू-ट्यूब टीचर्स, ओवरकमिंग एग्जाम फियर वीडियोज, टीचिंग चैनेल ट्वीट्स, न्यू एज टीचिंग स्किल्स, लर्निंग टू एक्सेल, क्वालिटी टीचिंग स्किल्स सहित अन्य को इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर लोगों ने काफी पसंद किया है।
कंप्यूटर सांइस पर लिखीं हैं 40 बुक्स
– डाॅ धीरज मेहरोत्रा ने एमएस, एमफिल, पीएचडी (एजुकेशन मैनेजमेन्ट), वाइट एण्ड यलो बेल्ट इन सिक्स सिगमा, ए सर्टीफाइड एनएलपी बिजनेस डिप्लोमा होल्डर, इन्नोवेटर, टीचर ट्रेनर, आॅथर, न्यूरो लिंगुइसटिक प्रोग्रामिंग, टोटल क्वालिटी मैनेजमेन्ट इन एजुकेशन समेत तमाम डिग्रियां ली हैं।
– इन्होंने आईसीएसई, आईएससी और सीबीएसई स्टूडेंटस के लिए कम्प्यूटर सांइस पर 40 से अधिक बुक्स लिखी हैं।
– इसके साथ ही इन्होंने लगभग 1000 पेपर्स और आर्टिकल एजूकेशन पर लिखे हैं।
– पढ़ाई के लिए जागरूक करने के लिए वे जापान, चाइना, थाइलैण्ड, फिलीपीन्स, माॅरीशियस, श्रीलंका और नेपाल समेत कई देशों की विजिट कर चुके हैं।
– उनका मानना है कि डिजिटल युग में पढाई को इंट्रेस्टिंग और इंटरैक्टिव बनाने के लिए एजूकेशनल एप्स से बढ़िया कोई विकल्प नहीं है।
– वह आगे भी एप्स बनाते रहेंगे और एजूकेशन की फील्ड में कांट्रिब्यूशन देते रहेंगे।