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अजय देवगन ने भी खरीदी थी विदेशी कंपनी; ये दी सफाई : पनामा पेपर्स लीक

नई दिल्ली.टैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में पैसा छिपाने के मामले में अब एक्टर अजय देवगन का नाम भी सामने आया है। आरोप है कि अजय ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में मैरिलबोन एंटरटेनमेंट एंड कंपनी खरीदी। अजय ने सफाई देते हुए कहा कि विदेशों में हिंदी फिल्मों के राइट्स खरीदने के लिए यह कंपनी खरीदी थी और जो कुछ किया उसकी आरबीआई को पूरी जानकारी थी। बता दें कि पनामा पेपर्स लीक पहले अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम सामने आ चुके हैं। अजय का क्या है मामला….
– अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अजय के नाम ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कंपनी खरीदने का खुलासा किया है।
– मैरिलबोन एंटरटेनमेंट 29 अक्टूबर 2013 को रजिस्टर्ड कराई गई थी। इसके मालिक का नाम हसन एन. शयानी है। वो लंदन के रहने वाले हैं।
– जानकारी के मुताबिक, शयानी के पास एक हजार शेयर्स थे। 31 अक्टूबर 2013 को ये तमाम शेयर अजय ने खरीद लिए।
– पूरे शेयर खरीदने के साथ ही अजय इस कंपनी के इकलौते मालिक बन गए थे।
अजय ने क्या दी सफाई?
– मामला सामने आने पर अजय ने कहा- यह कंपनी ओवरसीज इन्वेस्टमेंट के लिए आरबीआई की गाइडलाइंस के हिसाब से बनाई गई थी। इस मामले में मेरी फैमिली ने पूरा टैक्स दिया था और यह कंपनी पूरी तरह कानूनी दायरे में थी।
– देवगन के चार्टर्ड अकाउंटेंट अनिल शेखरी ने कहा- मेसर्स नायसा युग एंटरटेनमेंट के लिए शेयर खरीदे गए। इसमें अजय और काजोल की पार्टनरशिप थी। इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दी गई बैलेंस शीट में भी थी।
– मैरिलबोन एंटरटेनमेंट को मैक्सिमम 50 हजार शेयर्स जारी करने की इजाजत थी। यह कंपनी विदेशों में हिंदी फिल्मों के राइट्स खरीदने, बेचने या उनके इस्तेमाल का काम संभालती थी। अजय ही इस कंपनी के डायरेक्टर थे।
– 15 अक्टूबर 2014 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दो कंपनियों (ईएफजी ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड और ईएफजी लिमिटेड) को नॉमिनी बनाया।
सरकार का क्या रोल?
– देवगन ने भले ही कंपनी से रिजाइन कर दिया हो, लेकिन उन्होंने दो विदेशी कंपनियों को इसका नॉमिनी बनाया।
– अब इस मामले के जरिए सरकार का पीओईएम (प्लेस ऑफ इफेक्टिव मैनेजमेंट) सवालों के घेरे में आ गया है।
– पीओईएम को 2015 के बजट में इंट्रोड्यूस किया गया था। यह रूल कंपनियों के रेसिडेंस (हेडक्वॉर्टर) से जुड़ा है।
– हालांकि, इसकी शर्तें लागू करने पर 2017 तक रोक है। सरकार चाहती है कि कंपनियों को रेसिडेंस कानून को समझने का और उन्हें लागू करने का वक्त दिया जाए।
– अजय की कंपनी ने भी मोसेक फोंसेका के जरिए ही कंपनी खरीदी थी।

कैसे शुरू हुआ मामला

– दरअसल, पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए हैं। इसके कारण सवालों के घेरे में आए बड़े भारतीय नामों में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय और डीएलएफ के प्रमोटर केपी सिंह शमिल हैं।
– पेपर लीक के बाद अमिताभ ने कहा था, “मैं इंडियन एक्सप्रेस द्वारा बताई गई कंपनी सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड, लेडी शिपिंग लिमिटेड और ट्रैम्प शिपिंग लिमिटेड में से किसी को भी नहीं जानता। मैं कभी ऐसी कंपनीज का डायरेक्टर नहीं रहा।”
– “जाहिर है मेरे नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है। मैंने हमेशा टैक्स पे किया है। इसमें ओवरसीज में खर्च किए पैसे भी शामिल हैं। इसके अलावा जो भी पैसे ओवरसीज भेजे गए, वो कानून का पालन करते हुए भेजे गए।”
– इससे पहले उनकी बहू ऐश्वर्या भी डॉक्युमेंट्स को खारिज कर चुकी हैं।