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(भागना पड़ा) 
(भागना पड़ा) 

टाइगर को जान बचाकर भागना पड़ा(भागना पड़ा) 

रामपुर : अगर अचानक टाइगर आपके सामने आ जाए तो क्या होगा? आपका जवाब हो सकता है कि वो हमें खा जाएगा या फिर देखते ही जान बचाकर भाग निकलेंगे. लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि एक 17 साल के लड़के से डरकर टाइगर भाग निकला हो. सुनकर अजीब लगा न? गुरुग्राम के एक हॉस्पिटल में चार महीने से इलाज चलने के बाद 10वीं का छात्र अब जिंदगी की जंग जीत गया है और पूरी तरह स्वस्थ है. 2 नवंबर 2023 को उसके साथ क्या हुआ और आखिर कैसे मौत बनकर आए बाघ को अपनी ही जान बचाकर भागना पड़ा.(भागना पड़ा) 

दरअसल उत्तराखंड के रामपुर का रहने वाला अंकित 2 नवंबर 2023 को स्कूल से पैदल ही घर लौट रहा था, तभी घात लगाए टाइगर ने उस पर हमला कर दिया. टाइगर ने उसे गर्दन से पकड़ लिया और जैसे ही उसके सिर को अपने मुंह में दबा लिया. जान बचाने के लिए अंकित ने संघर्ष शुरू कर दिया. मौका पाकर अंकित ने टाइगर की जीभ पकड़ ली और करीब 15 मिनट तक दोनों के बीच संघर्ष चलता रहा. इस दौरान अंकित का तो नहीं पर टाइगर का हौसला पस्त हो गया. अंकित को लहूलुहान हालत में छोड़कर वह जंगल में भाग निकला.

इसके बाद पास में ही मौजूद लोग घायल अंकित को हल्द्वानी के अस्पताल ले गए. बाद में उसे ऋषिकेश एम्स में रेफर कर दिया गया. अंकित की मानें तो ऋषिकेश एम्स में डॉक्टरों ने बेहद लापरवाही से उसके सिर पर टांके लगा दिए. टाइगर से संघर्ष के दौरान पेड़ के पत्ते, डंडियां उसके सिर में घुस गई थीं, उसे निकाला ही नहीं गया. इस वजह से शरीर में इंफेक्शन होने लगा. यहां अस्थाई इलाज देने के बाद उसे दिल्ली एम्स भेज फिया गया. लेकिन परिचित के कहने पर परिवार ने अंकित की गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

गुरुग्राम के डॉक्टरों की मानें तो जब अंकित को अस्पताल लाया गया तो उसकी हालत बेहद खराब थी. उसके सिर में पस पड़ गया था. डॉक्टरों ने सावधानी बरतते हुए एक के बाद एक कुल चार सर्जरी की. टाइगर के हमले में अंकित के अंगूठा भी कट गया, जिसका कुछ समय बाद ऑपरेशन किया जाएगा. सिर पर लगी चोटें अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं. उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों से मांस लेकर उसके सिर की स्किन बनाई गई थी. अंकित अब स्वस्थ हो गया है.