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दिलीप कुमार
दिलीप कुमार

दिलीप कुमार संग एक्ट्रेस को करीब देखादिलीप कुमार

मुंबई: सायरा बानो बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर गुजरे वक्त की मीठी यादों को लोगों के साथ साझा कर रही हैं. एक्ट्रेस फिल्म ‘मधुमती’ के एक पुराने फोटोशूट की तस्वीरें मैगजीन से काटकर उन्हें घर की दीवार पर चिपकाती थीं. फिल्म ‘मधुमती’ को रिलीज हुए 65 साल हो गए हैं. फिल्म में सायरा के पति दिलीप कुमार दिलीप कुमार के अलावा वैजयंतीमाला हैं जिन्हें सायरा प्यार से ‘अक्का’ (बड़ी बहन) कहती हैं.

सायरा बानो ने तीन तस्वीरों का एक सेट साझा करते हुए इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, ‘अक्सर बचपन और किशोरावस्था की यादें इतनी अजीब और गुदगुदाने वाली होती हैं. मुझे 1958 की वह विशेष चीज याद है, जब मैं एक युवा लड़की थी. पिछले कुछ वर्षों में मेरी पसंदीदा फिल्म स्टार वैजयंतीमाला के साथ मेरा जुड़ाव और मजबूत हो गया, जिसमें वह मेरे लिए अब ‘अक्का’ (बड़ी बहन) हैं और हम हर दूसरे हफ्ते एक-दूसरे से बात करते हैं.’

सायरा बानो ने कहा, ‘मुझे अपने बिस्तर के ठीक बगल की दीवार पर अपने पसंदीदा हार्टथ्रोब की तस्वीरें चिपकाने की आदत थी, ताकि सबसे पहले मैं उन्हें देख सकूं. ठीक एक साल पहले मैंने ‘आन’ में साहब का शानदार प्रदर्शन देखा था, जिसे लंदन में विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया था.
सायरा बानो ने आगे लिखा, ‘उसके बाद रॉक किंग एल्विस प्रेस्ली, रहस्यमय जेम्स डीन के कटआउट भी दीवार पर चिपकाए थे. लंदन में हमारे घर के पास एक लेटर बॉक्स था जो मेरे भाई सुल्तान और मेरी उम्मीद भरी आंखों का तारा था क्योंकि हमारी मां और दोस्तों के पत्र भारत से आते थे. घर की याद आने के कारण हम उनके लिए व्याकुल रहते थे. मेरी मां को पता था कि मैं भारतीय फिल्मों की दीवानी हूं, इसलिए वह बीच-बीच में हमारे मनोरंजन के लिए पत्रिका पोस्ट करती रहती थीं.’
सायरा बानो ने आगे उल्लेख किया कि यह उनके और उनके भाई के बीच पत्रिका के लिए पागलपन भरी लड़ाई होती थी कि पहले कौन लेगा. उन्होंने बताया कि ऐसी ही एक मैगजीन में “मधुमती” की यह तस्वीर थी, जिसे उस समय बोल्ड माना जाता था, जहां साहब रोमांटिक तरीके से वैजयंतीमाला के माथे पर अपना चेहरा रख रहे थे. यह एक खूबसूरत तस्वीर थी और बचपन में मुझे इस तस्वीर को देखकर बहुत जलन हुई. साहब उनके चेहरे के इतने करीब थे कि मैंने कैंची उठा ली और चतुराई से तस्वीर के उस हिस्से को काटना शुरू कर दिया. जरा सोचिए. जब मैं यह याद करती हूं तो हंसी से लोटपोट हो जाती हूं.