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पुलिस ने पहनी पुजारियों वाली ड्रेस

काशी विश्वनाथ धाम : काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए नो टच पॉलिसी लागू की गई है. इस पॉलिसी को लागू कराने के लिए पुलिस वाले पुजारी वाली ड्रेस में मंदिर में तैनात किए गए हैं.

पुलिस ने पहनी पुजारियों वाली ड्रेस
काशी से ये आई तस्वीर सबको हैरान कर रही है. पुरुषों के माथे पर त्रिपुंड, गले में रुद्राक्ष की माला और शरीर पर गेरुआ धोती और कुर्ता. जबकि महिलाओं ने गेरुआ सलवार सूट और शरीर पर शिवनामी दुपट्टा ओढ़ रखा है. ये पुजारी नहीं हैं. ये लोग यूपी पुलिस के जवान हैं. इन्होंने खाकी वर्दी छोड़ी है लेकिन इन्होंने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी है.

सौंपी गई गर्भगृह की सुरक्षा की जिम्मेदारी
इन पुलिस जवानों को काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है और अब से यही पहनावा इनका ड्रेस कोड है. वाराणसी पुलिस ने काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की सुरक्षा में लगे पुलिस जवानों के लिए पुजारियों से मिलता जुलसा ड्रेस कोड लागू कर दिया है.

इस वजह से किया गया वर्दी में बदलाव
हालांकि मंदिर परिसर में बाकी पुलिस जवान अपनी खाकी वर्दी में ही ड्यूटी करेगे. पुलिसवालों को पुजारियों की तरह ड्रेस कोड पहनाने के पीछे मकसद है कि ड्यूटी में तैनात पुलिस जवानों के कारण श्रद्धालु दर्शन में किसी तरह से असहज महसूस न करें.
पुलिस ने मंदिर में लागू की नो टच पॉलिसी
वाराणसी पुलिस ने नो टच पॉलिसी को लागू कर लिया है, इसकी वजह जान लीजिए. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि विश्वनाथ धाम में तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को टच नहीं करेंगे. मतलब पुलिस के जवान श्रद्धालुओं से आगे बढ़ते रहने की अपील करेंगे. कई बार भीड़ बढ़ने पर पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को धक्का मारकर हटाते हैं लेकिन अब वाराणसी पुलिस ऐसा नहीं करेगी.
ड्यूटी से पहले पुलिसकर्मियों को 3 दिन की ट्रेनिंग
अब जरूरत पड़ने पर सिर्फ गर्भगृह में अधिक समय लेने वाले श्रद्धालुओं को पुलिस कर्मी हटाएंगे, बाकी मंदिर परिसर में कोई पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को टच नहीं करेगा. साथ ही मंदिर में किसी नए पुलिसकर्मी की ड्यूटी से पहले 3 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी.
पहले भी एक बार हो चुका है लागू
काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए धोती-कुर्ता का ड्रेस कोड 2018 में लागू किया गया था. लेकिन कुछ ही दिन के अंदर फैसला वापस ले लिया गया था. अब फिर से धोती-कुर्ता ड्रेस कोड लाग किया गया है. देखना होगा कि बाबा के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों का इस फैसले का कितना असर होता है.