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महानंदा नवमी व्रत को रखने पर शुभ फल की होती है प्राप्ति,देवी मां करती हैं अपना आशीर्वाद प्रदान

Mahananda Navami : महानंदा नवमी प्रतिवर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस व्रत की विशेष मान्यता है जिस चलते विवाहित महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. यह व्रत मान्यतानुसार माघ, भाद्रप्रद और मार्गशीष महीनों में पड़ता है. वहीं, इस व्रत में देवी लक्ष्मी और देवी दुर्गा (Durga Ma) की पूजा-आराधना करने का विधान है. माना जाता है कि इस व्रत को रखने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है और देवी मां अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं.साल 2023 के पहले महीने में 30 जनवरी के दिन महानंदा नवमी मनाई जा रही है. महानंदा नवमी की पूजा का शुभ मुहुर्त (Shubh Muhurt) सुबह 10 बजकर 12 बजे से पहले बताया जा रहा है.

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मान्यतानुसार महानंदा नवमी पर मां दुर्गा और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मां दुर्गा शक्ति और ऊर्जा की प्रतीक हैं और उनकी पूजा करने पर हर कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा होती है जिन्हें धन की देवी कहा जाता है और उनकी पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं.
सुबह-सुबह उठकर स्नान पश्चात साफ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद भक्त पूजा करने के लिए दुर्गा मां के मंदिर जाते और दुर्गा मंत्र का उच्चारण करते हैं. भक्त मां दुर्गा का आशीष पाने के लिए घर में दुर्गा पूजा का आयोजन भी करते हैं. दुर्गा आरती करने के पश्चात दुर्गा आरती (Durga Aarti) गाई जाती है और भजन-कीर्तन होता है. व्रत में फलाहार भी खाते हैं.

जिन लोगों के घर के आस-पास नदी है उन्हें इस दिन नदी में स्नान करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने पर मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही, महानंदा नवमी के दिन दान करना भी पुण्य पाने का एक तरीका है.