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कुड़मी आंदोलन
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कुड़मी आंदोलन के कारण 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द !

कुड़मी आंदोलन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे की 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई. जबकि कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे ने 205 ट्रेनें रद्द की हैं. इनमें से 32 ट्रेनें रांची होकर जाती हैं. रेलवे ने 89 ट्रेनों को डायवर्ट किया है. इसकी वजह से रांची में कई यात्रियों की ट्रेनें छूट गई.रांची से 3 दिन में 32 ट्रेनें रद्द की गई हैं. सबसे ज्यादा लोकल पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया गया. रद्द की गई ट्रेनों में मेल,एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनें शामिल हैं.झारखंड, बंगाल और उड़ीसा में कुड़मी आंदोलन के कारण लगातार पांचवें दिन शनिवार को भी इन तीनों राज्यों में ट्रेन सेवाएं बुरी तरह अस्त-व्यस्त हैं. गोरखपुर मौर्य ट्रेन को आज रद्द किया गया है, वहीं हटिया गोरखपुर ट्रेन भी रद्द किया गया है. वर्धमान के लिए पैसेंजर ट्रेन को भी रद्द किया गया है. साथ ही कई ऐसे ट्रेनें हैं जिनका रूट डायवर्ट किया गया है.

बता दें कि कुड़मी जाति को आदिवासी (शेड्यूल्ड ट्राइब) का दर्जा देने की मांग को लेकर बीते 20 सितंबर से हजारों आंदोलनकारियों ने पश्चिम बंगाल के आद्रा डिवीजन के कुस्तौर और खड़गपुर डिवीजन के खेमाशुली में रेलवे ट्रैक जाम कर रखा है. दक्षिण-पूर्वी रेलवे के अधिकारी ने कहा कि कस्तौर और खेमासुली स्टेशन पर अभी भी आंदोलन जारी है. उन्होंने कहा कि आद्रा और खड़गपुर मंडलों में सामान्य ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित हैं. अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से अब तक 205 मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेन रद्द कर दी गई हैं.

इस आंदोलन की वजह से पिछले चार दिनों में छह रेल डिविजनों  हावड़ा, आद्रा, खड़गपुर, धनबाद, रांची और चक्रधरपुर के विभिन्न स्टेशनों से होकर गुजरनेवाली तकरीबन 400 ट्रेनें रद्द हुई हैं और इस वजह से लगभग एक लाख यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्टेशनों तक जानेवाली 100 से भी ज्यादा ट्रेनें 2 से लेकर 20 घंटे तक लेट चल रही हैं.

रेलवे सहित कई तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले हजारों परीक्षार्थी गंतव्य नहीं पहुंच पाये. टाटा-हावड़ा और हावड़ा -मुंबई रेल लाइन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. रेलवे ट्रैक पर जमे आंदोलनकारियों के आगे रेल और सामान्य प्रशासन ने भी लगभग घुटने टेक दिये हैं, झारखंड के टाटानगर रेलवे स्टेशन से किसी भी मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन को आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है.

टाटानगर से एक भी ट्रेन हावड़ा की ओर नहीं भेजी जा रही है. वहीं, मुंबई की ओर भी जाने वाली ट्रेनें भी रद्द होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. जो ट्रेन आ रही हैं वे भी दो से 19 घंटे विलंब से चल रही है.

 

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल, झारखंड और उड़ीसा कुड़मी समाज के लोग एसटी का दर्जा देने के साथ-साथ कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे हैं. ये मांगें पिछले चार दशकों से उठाई जा रही हैं. इस बार तीनों राज्यों के कुड़मी समाज के लोगों ने आंदोलन को तेज करने के लिए संयुक्त संगठन बनाया है.