Breaking News
('Islam)
('Islam)

‘भारत में इस्लाम(‘Islam) सुरक्षित.. मोहन भागवत

नागपुर. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सीमाओं पर बुरी नजर दिखाने वाले दुश्मनों को ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में ही लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम और इस्लाम (‘Islam) की उपासना यानी पूजा भारत में सुरक्षित है. कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए हर किसी को प्रयास करना चाहिए. आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, ‘पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ, स्पेन से मंगोलिया तक छा गया. धीरे-धीरे वहां के लोग जागे, उन्होंने आक्रमणकारियों को हराया तो अपने कार्य क्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया. अब विदेशी तो यहां से चले गए. लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है. यहीं सुरक्षित चलती है. कितने दिन हुए, कितने शतक हुए यह जीवन चल रहा है.’

नए संसद भवन पर भी RSS प्रमुख ने की टिप्पणी
वहीं नए संसद भवन पर टिप्पणी करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संसद में जो चित्र लगे हैं उनके वीडियो वायरल हो रहे हैं. उन्हें देखकर गौरव होता है. लेकिन परेशान करने वाली बात भी देश में देखने को मिल रही है. देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहुलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद हो रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम अलग दिखते हैं इसलिए अलग हैं. इस विचार से देश नहीं टूटता है. सभी को समझना जरूरी है. यह हमारी मातृभूमि है. हमारी पूजाएं अलग-अलग हैं ये भूलकर हमें यह सोचना चाहिए कि एक समाज के नाते हम इसी देश के हैं. हमारे पूर्वज इस देश के पूर्वज हैं. इस सच्चाई को हम क्यों स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.

लोगों को देश के हित में विदेशी संबंधों को भूलना होगाः मोहन भागवत
महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा, लोगों को यह महसूस करने की जरूरत है कि उन्हें भारतीय संस्कृति के साथ मिलना होगा और देश के हित में विदेशी संबंधों को भूलना होगा. उन्होंने यहां ‘संघ शिक्षा वर्ग’ (आरएसएस कैडर के लिए प्रशिक्षण शिविर) के विदाई समारोह में कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को प्रयास करना चाहिए.

कोरोना काल में भारत ने सभी देशों से अच्छा प्रदर्शन कियाः मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने वैश्विक आर्थिक संकट और कोविड-19 महामारी के दौरान सभी देशों में से सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि भारत को इस साल जी-20 की अध्यक्षता मिली और ‘इस गौरव को महसूस किया जा सकता है.’ उन्होंने कहा कि हमारे समाज में धर्म और पंथ से जुड़े कई विवाद हैं. उन्होंने कहा, ‘हम सीमा पर बैठे दुश्मनों को अपनी ताकत नहीं दिखा रहे हैं बल्कि हम आपस में लड़ रहे हैं. हम भूल रहे हैं कि हमारा देश एक है.’

यहां कुछ लोग अब भी बाहरी लोगों के प्रभाव में हैंः मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा, ‘भारत की एकता और अखंडता के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। अगर कमियां हैं तो हमें उन पर काम करना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि कुछ धर्म भारत के बाहर से आए थे और ‘हमारा उनके साथ युद्ध हुआ था.’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बाहरी चले गए. अब हर कोई देश का है. फिर भी यहां कुछ लोग बाहरी लोगों के प्रभाव में हैं और वे हमारे लोग हैं. इसे समझना होगा. अगर उनकी सोच में कोई कमी है तो उन्हें बदलना हमारी जिम्मेदारी है.’

जाति व्यवस्था के आधार पर देश में अन्याय हुआः मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘बाहरी लोग चले गए, लेकिन इस्लाम धर्म सदियों से यहां सुरक्षित है.’ भागवत ने कहा कि कुछ लोग इस धारणा का समर्थन करते हैं कि भारत में पहले कोई जातिगत भेदभाव नहीं था. उन्होंने कहा कि उन्हें स्वीकार करना होगा कि ‘‘हमारे देश में जाति व्यवस्था के आधार पर अन्याय हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास अपने पूर्वजों का गौरव है, लेकिन हमें उनकी गलतियों का कर्ज भी चुकाना पड़ेगा.’