भारत ने तैनात किए प्रचंड अटैक ( प्रचंड अटैक )हैलिकॉप्टर
नई दिल्ली. थलसेना के प्रचंड अटैक ( प्रचंड अटैक ) हैलिकॉप्टर की आधिकारिक तैनाती उत्तर पूर्व में जल्द होगी. इधर चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना अपने अरुणाचल प्रदेश में अपना पहला एवियेशन ब्रिगेड स्थापित किया. इस एविएशन ब्रिगेड की ताकत को इजाफा करने के लिए प्रचंड की तैनाती की जा रही है. फिलहाल भारतीय थलसेना को मिले 3 प्रचंड हैलिकॉप्टर दिन-रात ताबड़तोड़ अपनी ताकत को धार देने में लगी है. पायलटों की ट्रेनिंग, एरिया फैमेलिराइजेशन का काम बड़ी तेजी से जारी है.
हैलिकॉप्टर को ऑप्रेट करने, मेंटेनेंस के लिए सभी तरह के लॉजेस्टक सपोर्ट तैयार किया जा चुका है. भारतीय थलसेना के एविएशन विंग में आधिकारिक तौर पर पहली बार अटैक हैलिकॉप्टर की तैनाती होगी. पहला स्केवडर्न मिसामारी बेस पर तैनात होगा. ये एक ऐसा एविएशन बेस है जहां से एलएसी की हर हिस्से पर किसी भी वक्त ज़रूरत के हिसाब से बड़े ऑप्रेशन लॉंच किए जा सकते है. इसमें एलएसी पर तैनात सैनिक के लिये सप्लाई , कैजुअल्टी एवियेशन सहित किसी भी अग्रेसिव ऑप्रेशन भी शामिल है.
प्रचंड अटैक हैलिकॉप्टर में कई खूबियां, जवानों में मिलेगा बेहतर सपोर्ट
प्रचंड की ख़ासियत ही ये है कि ये 21 हज़ार फ़ीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकता है और एलएसी पर तैनात भारतीय सेना के जवानों को एस अटैक सपोर्ट देगा जो कि अब से पहले नहीं था. हालाँकि भारतीय सेना ने अपने एविएशन ब्रिगेड स्वदेशी अटैक हैलिकॉप्टर रूद्र को भी तैनात किया गया है. लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर प्रचंड थलसेना सेना का पहला डेडिकेटेड अटैक हेलिकॉप्टर होगा.
सेना 90 और लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर लेने की तैयारी में
इससे पहले ALH यानी एडवांसड लाइट हैलिकॉप्टर रूद्र को वेपेनाइज कर के उसका इसेतमाल किया जा रहा है. भारतीय सेना के लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में 20 एमएम की गन है, 70 एमएम का रॉकेट होगा. एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना दाग सकेगी. इसमें एयर टू एयर मिसाइल भी होगी लेकिन जो मिसाइल एयरफोर्स को मिले लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में होगी. भारतीय थलसेना को अभी 5 लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर ही मिल रहे हैं और सेना 90 और लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर लेने की तैयारी में है.
लद्दाख और पूर्वोत्तर में हालात अलग-अलग
लद्दाख और पूर्वोत्तर राज्यों में टेरेन बिलकुल अलग है. लद्दाख में बारिश न के बराबर होती और दूर-दूर तक बंजर ठंडे रेगिस्तान है और वहाँ के चोटियां काफ़ी ऊंची है तो पूर्वोत्तर इलाक़ों में मौसम किसी भी वक्त बदल सकता है. बारिश बहुत होती है. वैली संकरी है और वेजिटेशन बहुत ज़्यादा है, चूँकि प्रचंड इतना हलाका है और इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वो संकरी घाटियों में मनूवरिंग करके हुए आसानी से उड़ान भर सकता है. घाटियों के बीच से लो फ्लाइंग करते हुए ये चीनी रडारो से भी अपने को बचा सकते हैं.
एलएसी की एयर स्पेस की निगरानी भी करती है एविएशन ब्रिगेड
थलसेना ने अपनी ज़रूरतों के लेहाज से तीन एविएशन ब्रिगेड स्थापित किए हैं जिनमें से एक लेह, एक मीसामारी और एक जोधपुर में है. अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना ने अपने पहले एविएशन ब्रिगेड को स्थापित किया. इन एविएशन ब्रिगेड का काम सिर्फ फार्वर्ड बेस पर सैन्य साजो सामान का पहुंचाना और केजुअल्टी इवैक्यूशन तक ही सीमित नहीं है. बल्कि ये ब्रिगेड एलएसी की एयर स्पेस की ही निगरानी भी करते है बल्कि चीन की एयरस्पेस पर भी पैनी नजर रखती है. प्रचंड के आने के बाद इस एवियेशन ब्रिगेड की ताक़त में जबरदस्त इज़ाफ़ा होगा.
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