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भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर का महत्वकॉरिडोर)

नई दिल्ली. भारत की अध्यक्षता में रविवार को संपन्न हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में बेहद खास रहा है. वहीं इस सम्मेलन से इतर बेहद महत्वाकांक्षी भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर की घोषणा की गई, जिसे ग्लोबल बिजनेस के लिहाज से गेम चेंजर बताया जा रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णन ने इस गलियारे  ( कॉरिडोर) के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि इससे अब, भारत और यूरोप के बीच की दूरी हजारों किलोमीटर कम हो जाएगी.

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘…भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप, इन क्षेत्रों में एक बहुत अच्छा एलाइंमेंट है. उनके पास एक समान सोच और साझा मूल्य हैं… अब, भारत और यूरोप के बीच की दूरी हजारों किलोमीटर कम हो जाएगी. इसके साथ ही भारत, यूरोप और मिडिल ईस्ट के बीच व्यापार, परिवहन, सुविधाएं और अवसर बढ़ेंगे…’

बता दें कि अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर इस नए कॉरिडोर का ऐलान किया, जिसे चीन की ‘बेल्ट एंड रोड पहल’ के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. इस पहल में दो अलग-अलग गलियारे शामिल होंगे, पहला- पूर्वी गलियारा जो भारत को पश्चिम एशिया से जोड़ेगा और दूसरा उत्तरी गलियारा जो पश्चिम एशिया को यूरोप से जोड़ेगा.
इसमें एक रेल लाइन शामिल होगी, जिसका निर्माण पूरा होने पर यह दक्षिण पूर्व एशिया से भारत होते हुए पश्चिम एशिया तक माल एवं सेवाओं के परिवहन को बढ़ावा देने वाले मौजूदा मल्टी-मॉडल परिवहन मार्ग के पूरक के तौर पर एक विश्वसनीय एवं किफायती सीमा-पार जहाज-से-रेल पारगमन नेटवर्क प्रदान करेगी.

इस रेल लाइन के साथ, सदस्य देशों का इरादा बिजली और डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए केबल बिछाने के साथ-साथ स्वच्छ हाइड्रोजन निर्यात के लिए पाइप बिछाने का भी है. यह गलियारा क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करेगा, व्यापार पहुंच बढ़ाएगा, व्यापार सुविधाओं में सुधार करेगा तथा पर्यावरणीय सामाजिक और सरकारी प्रभावों पर जोर को बढ़ावा देगा.

इस पहल को विभिन्न देशों के नेताओं ने ‘ऐतिहासिक’ बताया जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शामिल थे. मोदी और बाइडन के अलावा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.