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दूसरे ग्रह पर जीवन कैसे साबित करें( जीवन )

डरहम. पिछले कुछ दशकों में, कई घटनाओं की वजह से वैज्ञानिक समुदाय कफी उत्साह देखने को मिली है. ये (घटनाएं) वास्तव में पृथ्वी या उसके वायुमंडल के बाहर जीवन का संकेत हो सकती हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि यह (घटना) दोबारा होगा.हाल ही में, दो बिल्कुल अलग उदाहरणों ने उत्साह जगाया है. यह रहस्यमय अंतरतारकीय (इंटरस्टेलर) वस्तु 2017 में सामने आई ‘ओउमुआमुआ’ थी. वहीं, दूसरा उदाहरण 2021 में शुक्र के बादलों में फॉस्फीन गैस की संभावित खोज थी.

दोनों मामलों में, यह संभव प्रतीत हुआ कि घटना किसी प्रकार के अलौकिक जैविक स्रोत का संकेत देती है. विशेष रूप से, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी एवी लोएब ने अजीब आकार के ‘ओउमुआमुआ’ के एक परग्रही अंतरिक्ष यान होने के पक्ष में तर्क दिया. इसके साथ ही एक चट्टानों वाले ग्रह के वातावरण में फॉस्फीन पाए जाने को जीवन  ( जीवन ) के लिए एक ठोस संकेत माना जाता है, क्योंकि पृथ्वी पर यह (गैस) सूक्ष्मजीवों द्वारा लगातार उत्पादित की जाती है.

तो हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम एक निश्चित गैस या एक अजीब दिखने वाली अंतरिक्ष चट्टान की उपस्थिति जैसी गौण चीज के लिए सही निष्कर्ष पर पहुंचे हैं? एस्ट्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हमारे नए लेख में, ऐसे कई सबूतों के मूल्यांकन के बाद ये तर्क दिए जा रहे हैं.
कई लोगों का मानना था कि, ‘यह एलियंस हो सकते हैं!’ इसकी इस अर्थ में व्याख्या की जानी चाहिए. इसके विपरीत, हम अक्सर “हो सकता है” शब्द का उपयोग किसी ऐसी चीज को व्यक्त करने के लिए करते हैं जिसकी संभावना अधिक होती है, जैसे कि “आज बर्फबारी हो सकती है.” लेकिन वैज्ञानिक जगत को खुद को कड़ाई के साथ अभिव्यक्त करने की जरूरत है, सबूतों द्वारा उचित विश्वास की मात्रा को पारदर्शी रूप से व्यक्त करने की.
कुछ लोग बायेस फॉर्मूले के आधार पर संभावनाओं को व्यक्त करते हैं, लेकिन जब परग्रही पर जीवन की बात आती है तो यह वास्तव में उतना कारगर नहीं रहता. उदाहरण के लिए, एलियंस के अस्तित्व की पूर्व संभावना के लिए जानकारी की आवश्यकता होती है. और इसके बारे में अंतर्ज्ञान नाटकीय रूप से भिन्न होता है (हमारी आकाशगंगा में रहने वाले ग्रहों की संख्या का अनुमान एक से अरबों तक है).
सीधे शब्दों में कहें तो हम घटना के वैकल्पिक स्रोतों के बारे में बहुत कम जानते हैं. शायद हमने प्रासंगिक घटना के संभावित कारणों की बहुत अभी अधिक खोज नहीं की है. आख़िरकार, मनुष्यों ने केवल सीमित मात्रा में ही कठोर शोध किया है – हम हर एक प्रक्रिया के बारे में नहीं जानते हैं, जो वायुमंडल में एक निश्चित गैस का उत्पादन कर सकती है.
नासा से जुड़े एक समूह ने 2021 में, इस समस्या को हल करने के लिए डिजाइन किए गए ‘कॉन्फिडेंस ऑफ लाइफ डिटेक्शन’ (सीओएलडी) ढांचे की स्थापना करते हुए एक पेपर प्रकाशित किया था. यह किसी खोज को सत्यापित करने के लिए सात चरणों की सिफारिश करता है, जिसमें संदूषण से इनकार करने से लेकर उसी क्षेत्र में अनुमानित जैविक संकेत के अनुवर्ती अवलोकन प्राप्त करना शामिल है. ‘ग्रुप एक्सप्लोरिंग अनसर्टेनिटी एंड रिस्क इन कंटेम्परेरी एस्ट्रोबायोलॉजी’ (ईयूआरआईसीए) द्वारा प्रकाशित हमारा नया पत्र एक और प्रस्ताव लेकर आया है.

विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम न केवल वैज्ञानिक साक्ष्य (उपरोक्त छवि में एक्स-अक्ष) के अपने मूल्यांकन के आधार पर निर्णय लेगी, बल्कि समुदाय में सहमति की सीमा (वाई-अक्ष) के आधार पर भी निर्णय लेगी. इसलिए सबसे खराब मूल्यांकन में विशेषज्ञों के बीच कम सहमति और सीमित साक्ष्य होंगे, जबकि सबसे अच्छे मूल्यांकन में उच्च सहमति और मजबूत साक्ष्य होंगे.

खगोलविज्ञानियों को अपने शोध को जीवन के लक्षणों के अध्ययन तक सीमित नहीं रखना चाहिए. उन्हें उन संभावित तरीकों की भी सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए, जिनसे गैर-जैविक प्रक्रियाएं उन्हीं संकेतों की नकल कर सकती हैं. जब हम यह जानते हैं, केवल तभी हम अंततः यह कहने में सक्षम हो सकते हैं, “इस बार, यह वास्तव में एलियंस हो सकते हैं.”