खेती - बारी

पराली को समीपवर्ती गौशाला को दान करें, गौशाला तक लाने, ले जाने का व्यय भार पंचायत वहन करेगी-जिलाधिकारी।

मैनपुरी( ब्यूरो रिपोर्ट):जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जनपद के कृषक बन्धुओं का आह्वान करते हुए कहा कि फसल अवशेष किसी भी दशा में खेतों में न जलाएं, फसल अवशेष जलाने से जहां एक और मिट्टी की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है, फसल अवशेषों के जलाने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्व को अत्याधिक क्षति एवं मिट्टी के भौतिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, फसल अवशेषों के जलाने से सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी, आंखों में जलन एवं त्वचा रोग तथा सूक्ष्म कणों के कारण हृदय एवं फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ेगा, फसल अवशेष खेतों में जलाए जाने के कारण भूमि के बंजर होने की संभावना है। उन्होने कहा कि एन.जी.टी. ने फसल अवशेष जलने पर कठोर कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया है। 02 एकड़ में फसल अवशेष जलाने पर रू. 2500, 02 एकड़ से 05 एकड़ तक रू. 05 हजार एवं 05 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल में फसल अवशेष जलाने पर रु.10 हजार प्रति घटना जुर्माने का प्राविधान किया गया है, एक से अधिक बार पराली जलाने की घटना में शामिल कृषकों को शासन की किसी भी जन-कल्याणकारी योजना में लाभान्वित न किए जाने का भी प्राविधान है। उन्होने कहा कि सभी कृषक जिला प्रशासन का सहयोग करें, किसी भी दशा में ऐसा कृत्य न करें जिससे मजबूरन किसानों के विरूद्ध कार्यवाही करने पर मजबूर होना पड़े।

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श्री सिंह ने राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से कहा कि ग्राम प्रधान के माध्यम से किसानों को किसी भी दशा में पराली, कृषि अपशिष्ट न जलाने के लिए जागरूक किया जाये, कृषकों को फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि के विषय में कृषकों को अवगत कराया जाये, उन्हे यह भी अवगत कराया जाये कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार खेतों में फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है। उन्होने उप जिलाधिकारियों, क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन कृषकों के द्वारा पराली जलाए जाने की घटना सामने आती है उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये, आवश्यकता पड़ने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज करायी जाये, जिन क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं होती है। उन्होने कहा कि कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ स्ट्रा रीपर विद बाइण्डर का प्रयोग अनिवार्य किया जाये, बिना रीपर मशीन का प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन चालकों, जिन कृषकों द्वारा पराली, कृषि अपशिष्ट जलाने की घटना प्रकाश में आयेगी उनकेे विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होने तहसलदारों, खंड विकास अधिकारियों से कहा कि निरंतर अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर सुनिश्चित करें कि कोई भी किसान किसी भी हालत में फसल अवशेष न जलाये, जिला पंचायत राज अधिकारी सभी ग्राम प्रधानों, सचिवों के माध्यम से सुनिश्चित करायें कि पलारी जलाने की कोई घटना घटित न हो।
जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप ने बताया कि गत दिवस सैटेलाइट के माध्यम से ग्राम बड़ागांव में पराली जलाने की घटना प्रकाश में आयी है, जिसका निरीक्षण क्षेत्रीय लेखपाल मनीष कुमार एवं सहायक विकास अधिकारी कृषि जयवीर सिंह यादव द्वारा किया गया, सत्यापन करने वाले कार्मिकों द्वारा हरिभान सिंह पुत्र गंगाराम, सुधा देवी पत्नी सुरेन्द्र सिंह, सावन श्री पत्नी बालक राम नि. नगला उदी एवं मुन्नी देवी पत्नी कमरूद्दीन नि. डेरा बंजारा को पराली जलाने का दोषी पाया गया है, उक्त चारों खेत स्वामियों पर रू. 2500-2500 का जुर्माना लगाया गया है।

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