Breaking News
(55 years)
(55 years)

55 साल (55 years)पूर्व मिली थी मौत की सजा, फिर चलेगा मुकदमा

टोक्यो: दुनिया में सबसे लंबे समय तक मौत की सजा पा चुके कैदी के केस को फिर से सुनवाई के लिए खोला गया है. टोक्यो हाईकोर्ट ने 55 साल (55 years) बाद 87 साल के पूर्व मुक्केबाज इवाओ हाकामादा के केस को दोबारा चलाने का आदेश दिया है. हाकामादा को पहली बार साल 1968 में अपने बॉस, उनकी पत्नी और उनके दो बच्चों की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.

अनुसार हाकामादा ने इन हत्याओं की बात स्वीकार की थी. लेकिन बाद में वो पलट गए थे और कहा कि उन्होंने दबाव में हत्या की बात कबूल की थी. हाकमादा के वकीलों ने कोर्ट के बाहर उनके पक्ष में बैनर लहराए और उन्हें आजाद करने के नारे भी लगाए.

मानवाधिकारों पर काम करने वाले कई समूहों ने जापान पुलिस की इस बात के लिए आलोचना की कि वो जबरन अपराध कबूल करवाती है. पूर्व पेशेवर मुक्केबाज ने कबूल किया कि उन्हें पूछताछ के दौरान मारा पीटा गया था. इसके बाद उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उन पर दबाव बनाकर हत्या की बात कबूल कराई गई थी.

इवाओ हाकामादा को मौत की सजा पाए हुए 5 दशक हो चुके हैं. साल 2014 में उन्हें दुनिया के सबसे लंबे समय तक सजा पाने वाले कैदी के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिली. बता दें कि हाकमादा का जन्म 10 मार्च 1936 को हुआ था. फिलहाल उनकी उम्र 87 साल है.

एक लंबी लड़ाई के बाद शिजूओका की जिला अदालत ने उनके मामले पर फिर से पुनर्विचार करने की अनुमति दी. इसी के साथ कहा कि जांचकर्ताओं द्वारा सबूत प्लांट किए जा सकते हैं. हालांकि टोक्यो हाईकोर्ट ने 4 साल बाद निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और मामले को सुप्रीम कोर्ट भेज दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि टोक्यो हाईकोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

इस मामले में फिर से सुनवाई की मांग को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय में एक अपील दायर की गई थी. शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने उच्च न्यायालय को पुनर्विचार करने का निर्देश दिया, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अब फिर से सुनवाई होनी चाहिए.

इवाओ हाकामादा की 90 साल की बहन हिदेको ने कहा, ‘मैं 57 साल से इस दिन का इंतजार कर रही थी और यह आ गया.’ रिपोर्ट के मुताबिक 90 साल की हिदेको अपने भाई के लिए प्रचार कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘आखिरकार मेरे कंधों से एक बोझ हट गया है.’ हाकामादा के परिवार का दावा है कि दशकों तक जेल में रहने के बाद उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया है.