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(Crocodile) 
(Crocodile) 

पानी में मछली की तरह दिख रहा था मगरमच्छ(Crocodile) 

सिवान. बिहार के सिवान में 7 फीट लम्बा मगरमच्छ (Crocodile)  देखने को मिला. मगरमच्छ को स्थानीय लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए जाल से पकड़ कर बांध दिया और वन विभाग को सूचना दी. इसके बाद मगरमच्छ को उन्हें सुपुर्द कर दिया. यह पूरी घटना सिवान जिले के गुठनी की है.

गुठनी के बहेलिया गांव में 7 फीट लंबा जिंदा मगरमच्छ ग्रामीणों ने नहर में तैरते हुए देखा. मगरमच्छ गांव से होकर बहने वाली नहर में तैर रहा था. इसी दौरान नहर के किनारे से आवागमन कर रहे दो युवकों की नजर उनपर पड़ी. देखते ही देखते मगरमच्छ निकलने की खबर पूरे गांव में फैल गई.

बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मगरमच्छ को देखने के लिए उमड़ पड़ी. मगरमच्छ निकलने की खबर से दहशत का माहौल भी कायम हो गया. युवा मगरमच्छ का वीडियो और फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने लगे. वहीं कुछ लोगों ने मगरमच्छ निकालने की सूचना वन विभाग को दी.

हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों के समय से नहीं पहुंचने की वजह से ग्रामीणों को डर सताने लगा कि कहीं मगरमच्छ नहर से निकलकर गांव में ना प्रवेश कर जाए. ऐसा होने पर वह गांव में काफी तबाही फैला सकता है. अंततः स्थानीय लोगों ने हिम्मत जुटाकर जाल के सहारे मगरमच्छ पकड़ने की कवायद शुरू की. घंटों तक कड़ी मशक्कत करने के पश्चात मगरमच्छ को पकड़ने में ग्रामीण सफल हुए. नहर से मगरमच्छ को निकालकर बाहर निकाला गया और उसे एक मजबूत रस्सी से बांधकर पेड़ से बांध दिया गया.

मगरमच्छ को मछली समझ रहे थे युवक
बहेलिया गांव के रहने वाले धर्मनाथ यादव ने बताया कि उनका घर नहर के पास ही स्थित है. वह भी मछली पकड़ने का कार्य 20 वर्षों से करते हैं. वह घर पर भोजन कर रहे थे कि तभी गांव के ही दो युवक दौड़ते हुए आए और बोले कि नहर के केवाड़ा (फाटक) पर बहुत बड़ी मछली दिख रही है. उसका पीछे का हिस्सा थोड़ा- थोड़ा दिख रहा है. जल्दी जाल लेकर चलिए. मैं जाल लेकर गया तो देखा कि वह मछली नहीं बल्की बड़ा मगरमच्छ था. जिसका आधा शरीर झाड़ी में था तथा आधा शरीर दिख रहा था. जिस वजह से वह मछली की तरह ही प्रतीत पड़ रहा था.

जिले में मगरमच्छ निकलने की यह दूसरी घटना
सिवान में मगरमच्छ निकलने का मामला इससे पहले आंदर प्रखण्ड में सामने आया था. वहां झरही नदी में 10 फीट लंबा मगरमच्छ तैरते हुए देखा गया था. मगरमच्छ कभी झाड़ियों में तो कभी नदी के किनारे निकलकर घूमता था. उसे पकड़ने की बहुत कवायद की गई थी. हालांकि वह हाथ नहीं लगा और अंततः झरही नदी में जा छिपा. मगरमच्छ के नहीं पकड़े जाने से गांव में एक महीने तक दहशत का माहौल कायम रहा. एक महीने के बाद लोगों के जिहन से मगरमच्छ का डर खत्म हुआ.