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( fourth wave )
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 कोरोना का पीक! क्या चौथी लहर ( fourth wave )भी आएगी?

नई दिल्ली. भारत में लगातार कोरोना के मामले बढ़ने से चौथी लहर ( fourth wave ) के आने की संभावना जताई जाने लगी है. कोविड-19 के मामलों ने पिछले साल सितंबर के बाद से अब तक का सबसे अधिक दैनिक आंकड़ा दर्ज किया है. शुक्रवार को 6000 से अधिक ताजा मामले आने के बाद विशेषज्ञों ने कहा कि अगले 20 दिनों में कोरोना केस अपने चरम पर हो सकते हैं. हालांकि फिलहाल चौथी लहर से इंकार किया जा रहा है.

वहीं कोविड विशेषज्ञ डॉ. रघुविंदर पाराशर ने बातचीत में बताया कि पिछली लहर से वायरस के पैटर्न में अंतर को समझना आवश्यक है क्योंकि वे हमें और अधिक समझने और वायरस के संक्रमण को रोकने के उपाय बनाने में मदद कर सकते हैं. पिछले रुझानों के अनुसार, पीक 15 से 20 दिनों के भीतर होना चाहिए, और फिर गिरावट की उम्मीद है.

साथ ही प्रख्यात जीवविज्ञानी शेखर मांडे ने बताया कि कोविड मामलों में उछाल “नए संस्करण” के कारण था. उन्होंने बताया कि समय के साथ हमारी इम्युनिटी कम हो सकती है, या यह एक वैक्सीन ब्रेकथ्रू म्यूटेंट हो सकता है. लेकिन फिर भी, हम पिछली लहरों की तरह अस्पताल में भर्ती या मौतें नहीं देखेंगे. उन्होंने कहा कि यह उछाल पहली लहर या डेल्टा संस्करण के कारण होने वाली विनाशकारी दूसरी लहर के समान होने की उम्मीद नहीं है. इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें एक नए कोरोनावायरस सबवैरिएंट, XBB.1.16 के मामलों में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जो पिछले कुछ समय से भारत में प्रसारित हो रहा है.