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सोचे विचारें

हमारी गुरू भक्ति (व्यंग्य)

मैं अपने आपको बड़ा सौभाग्यशाली मानकर गौरान्वित महसूस करता हॅूँ कि मैं कम से कम कवि तो बन ही गया क्योंकि मेरे साथ और आगे पीछे जितने के भी जत्थे, कत्थे बनकर मेरे गुरूजी के पास से निकले है वे सब रोजी रोटी से अच्छी तरह लगे हुये है जिनके ...

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कानून तुमसे ऊपर

माननीय उच्च न्यायालय शिमला का यह फैसला हिमाचल की कार्यसंस्कृति के कई आयाम जोड़ेगा और इसके प्रकाश में कई भ्रांतियां तथा खुशफहमियां टूटेंगी। अदालत ने कर्मचारी हेकड़ी को कड़ा जवाब देते हुए याद दिलाया, तुम चाहे कितने ऊंचे बनो-कानून तुमसे ऊपर है। कानून को परिभाषित करती इन पंक्तियों को अगर ...

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न्याय में देरी न्याय से वंचित होना है

सुप्रीम कोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक मामलों की पेंडेंसी बढ़ने से उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने चिंता व्यक्त की है। उपराष्ट्रपति नायडू ने सरकार और न्यायपालिका से तेज न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। नायडू ने न्याय की गति तेज और सस्ती व्यवस्था करने की आवश्यकता को रेखांकित ...

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गटर में गुम होती जिंदगी

रमेश सर्राफ धमोरा- झारखण्ड के देवघर जिले के देवीपुर में रविवार को एक मकान के सेप्टिक टैंक की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण छह लोगों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक रविवार को सेप्टिक टैंक के अंदर राजमिस्त्री गोविंद मांझी, मजदूर लीलू मुर्मू उतरे। काफी देर तक ...

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आत्मनिर्भरता ही आजादी

देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर से संबोधित किया। यह एक औपचारिक परंपरा है, लेकिन देश के भीतर आजादी और एकजुटता के एहसास को पुख्ता करती है। जज़्बे और जुनून को जिंदा रखती है, लिहाजा यह दिन और संबोधन दोनों ही ...

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ऐक पाप सौ पुण्यों के फल को समाप्त कर देता है

स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक महाभारत के युद्ध पश्चात जब “श्री कृष्ण” लौटे तो रोष में भरी रुक्मणी” ने उनसे पूछा ?? युद्ध में बाकी सब तो ठीक था। किंतु आपने “द्रोणाचार्य” और “भीष्म पितामह” जैसे धर्मपरायण लोगों के वध में क्यों साथ दिया ?? ” श्री कृष्ण” ने उत्तर दिया। ...

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सुप्रीम कोर्ट का स्वागतयोग्य फैसला

पितृसत्तात्मक समाज की व्यवस्था में सत्ता के तीन मूल केंद्र हैं, संपत्ति, संतति और सत्ता. ये तीनों ही पुरुषों के पास केंद्रित की गयीं. बच्चे के जन्म के बाद पिता का ही नाम चलता है, संपत्ति का उत्तराधिकारी बेटे को ही बनाया गया है. इसी तरह सत्ता भी पुरुषों के ...

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वर्क फ्रॉम होम के दौर में लैंगिक उत्पीडऩ का बदलता स्वरूप

उपासना बेहार कोरोना वाइरस के कारण देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन किया गया था जिसने सबको घर के अंदर रहने को बाध्य कर दिया था इस दौर में लोग घर से ऑफिस का काम करने लगे। पहले भारत में कम संख्या में वर्क फ्रॉम होम होता था लेकिन लॉकडाउन के कारण ...

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9 अगस्त-15 अगस्त: गांधी ने भारत को दीं दो चमकीली तिथियां

डॉ. दीपक पाचपोर महात्मा गांधी पर केन्द्रित लेख-माला की यह कड़ी एक तरह से भारत के इतिहास की सर्वाधिक दो महत्वपूर्ण तारीखों के बीचों-बीच लिखी जा रही है। 9 अगस्त, 1942 और 15 अगस्त, 1947 के बीच वैसे तो पांच वर्षों का फासला था, लेकिन किसी ऐसे देश के लिए ...

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अर्थव्यवस्था में गति लाना जरूरी

मोहन गुरुस्वामी, वरिष्ठ स्तंभकार केंसियन और शिकागो सिद्धांत के बीच अंतर काफी प्रतिरोधी है, बिल्कुल शिया-सुन्नी, कैथोलिक-प्रोटेस्टेंट या थेलाकाराई-वाडाकराई अयंगर टकराव की तरह. अभी एकमात्र विवाद राष्ट्रीय आय को लेकर है कि इसमें संकुचन कितना होगा. वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि इसमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ...

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