नई दिल्ली. ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ( बजरंग पूनिया) ने संकेत दिया है कि वह एशियाई खेलों से हट सकते हैं. अगर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान उनका समर्थन करने वाली संभी पंचायत उन्हें ऐसा करने के लिए कहती हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग के लिए जंतर मंतर पर बैठे बजरंग और पांच साथी पहलवानों का कई खाप पंचायतों ने समर्थन किया था. इन पहलवानों में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट भी शमिल थीं.
लेकिन बाद में पंचायतें बजरंग और विनेश के एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट की मांग को लेकर खुश नहीं थीं. कई पहलवानों के माता पिता और उनके कोच ने भी इस छूट के खिलाफ हिसार में और भारतीय ओलंपिक संघ के मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया था. विशाल कालीरमन एशियाई खेलों के ट्रायल में शीर्ष पर रहे थे लेकिन उनका नाम स्टैंडबाई की सूची में डाल दिया गया जबकि बजरंग 65 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में पहली पसंद थे. इसके बाद खाप पंचायतों ने विशाल के साथ हुए बर्ताव के लिए जींद में जाट धर्मशाला में बैठक की थी.
खाप पंचायतों की नाराजगी बढ़ रही है
खाप पंचायतों की नाराजगी बढ़ रही है और बजरंग ने हरियाणा के जींद जिले में महापंचायत में संकेत दिया कि वह एशियाड से हट सकते हैं, अगर पंचायत उन्हें ऐसा करने के लिए कहेंगी. बैठक में करीब 25 खाप पंचायतों ने हिस्सा लिया लेकिन जंतर मंतर पर कई मौकों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान दिखने वाले भारतीय किसान संघ के नरेश टिकैत इसमें मौजूद नहीं थे. अगली खाप महापंचायत 10 सितंबर को होगी.
बजरंग जल्द कीर्गिस्तान के लिए होंगे रवाना
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने कहा, ‘जंतर मंतर पर प्रदर्शन में जुड़ने वाली सभी खाप पंचायतें, सभी चौधरी संगठन के सदस्यों को इकट्ठा करो. वे जो भी आदेश करेंगे, मैं उसका पालन करने के लिए तैयार हूं. मैं एक बंद कमरे में फैसला नहीं करने वाला. सभी खाप पंचायतों को फैसला लेना चाहिए. हम अपनी बेटियों की लड़ाई में शामिल हैं क्योंकि हम एक कुश्ती का मुकाबला नहीं लड़ रहे, हम अपनी बेटियों के लिए लड़ रहे हैं.’ बजरंग 10 सितंबर को महापंचायत में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि वह ट्रेनिंग के लिए किर्गिस्तान रवाना हो रहे हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वह महापंचायत के फैसले को स्वीकार करेंगे और इसका सम्मान करेंगे.