उन्नाव। Bad Condition : बढ़ती गर्मी के साथ बिजली कटौती कर रही बेहाल…. बिजली आपूर्ति इन दिनों हर किसी को अखरने लगी है। गांव और तहसील क्षेत्र में तो सबसे खराब हालात हैं। तय रोस्टर को दरकिनार कर बमुश्किल छह से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्र से शहरों की स्थिति कमोवेश सही हैं, लेकिन वहां भी 22 से 24 घंटे आपूर्ति का रोस्टर सिर्फ सरकारी दावों तक सीमित हैं हकीकत में 18 से 20 घंटे ही बिजली के दर्शन हो रहे हैं। बाकी फाल्ट के नाम पर कटौती करके काम चलाया जा रहा है। वहीं गांवों को 16 घंटे बिजली देने का दावा करते हुए यहां कहा जाता है कि उपलब्धता के अनुसार पर्याप्त बिजली दी जा रही है।
Bad Condition : इन दिनों तापमान बढ़ने के साथ ही बिजली समस्या भी बढ़ती जा रही है।
शहर हो गांव, कस्बा कम ज्यादा अलग बात है, लेकिन बिजली कटौती लोगों के बीच मुद्दा बनी है। शहरी या फिर जिला मुख्यालय का हाल गांव कस्बों और तहसील मुख्यालय से फिलहाल बेहतर है। लेकिन यहां चार से आठ घंटे की कटौती हर रोज होती है। बस फर्क इतना है कि यह कटौती एक साथ पूरे शहर में न होकर अलग-अलग उपकेंद्रों से फाल्ट के नाम पर की जाती है। भीषण गर्मी के बीच बीते मंगलवार को पूरे दिन बड़ा चौराहा फाल्ट के नाम पर आधे शहर की बिजली करीब 10 घंटे से अधिक समय तक गुल रही। बुधवार को पीडी नगर क्षेत्र में फाल्ट के नाम पर लगातार चार घंटे बिजली गुल रही।
Bad Condition : शेष रुक रुक-कर कई बार लुकाछिपी का क्रम पूरे दिन चला।
गुरुवार और शुक्रवार को भी सिविल लाइंस क्षेत्र में पूरे दिन बिजली की आंख मिचौली जारी रही। वहीं ग्रामीण व तहसील क्षेत्रों की बात करें तो वहां 18 से 22 घंटे बिजली देने का रोस्टर तय है, लेकिन हकीकत यह है कि लगभग सभी जगह पांच से आठ घंटे ही बिजली मिल रही है। उसमें भी सबसे अधिक दिक्कत रात के वक्त होने वाली कटौती से है। बांगरमऊ, गंजमुरादाबाद, फतेहपुर चौरासी, उगू, सफीपुर, परियर, मियागंज, चकलवंशी, औरास, मोहान, न्योतनी, रसूलाबाद, हैदराबाद, हसनगंज, नवाबगंज, सोहरामऊ, अजगैन, पुरवा, असोहा, मौरावां, हिलौली, अचलगंज, बीघापुर, भगवंत नगर, पाटन बिहार, बक्सर, सरोसी शुक्लागंज आदि क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती से लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं।
President’s House : जनरल एमएम नरवणे ने की राष्ट्रपति से मुलाकात….
Bad Condition : रात दिन टुकड़ों में होने वाली कटौती से व्यापारी, किसान और आम आदमी सभी परेशान हैं।
हालत यह है कि तय रोस्टिंग के अलावा रात कब बिजली आएगी और कब चली जायेगी कुछ पता ही नहीं चलाता। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में 17 से 18 घंटे का रोस्टर है। लेकिन, हाजीपुर गोसा स्थित विद्युत उपकेंद्र से दिन रात मिलाकर 10 से 11 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार दिन में कटौती हो तो ठीक है, लेकिन रात में पहले नौ बजे से दो घंटे के लिए। उसके बाद एक बजे ढाई घंटे के लिए कटौती होती और फिर साढेघ् तीन बजे से दो घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। इससे रातों की नींद हराम है।
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जिले को 118.520 मिलियन यूनिट (लगभग) बिजली की आवश्यकता है। विभागीय दावा माना जाये तो वर्तमान में इसका 70 प्रतिशत बिजली ही मिल रही है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की कटौती को बढ़ाया गया है। जबकि शहरी क्षेत्रों में कटौती को न्यूनतम रखा जा रहा है। इसी कारण से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अधिक समस्या हो रही है। शहर में बिजली कटौती नहीं हो रही है, फाल्ट में जाना अलग बात है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी 16 घंटे की आपूर्ति हो रही है। हां रोस्टर के अनुसार आपूर्ति नहीं की जा रही यह सही है। रात में अधिक लोड होने के कारण उपकेंद्रों पर अधिक दबाव बढ़ता है इस लिए दिन की कटौती रात में टुकड़ों में होती है। रात में कुछ देर की कटौती को लोग घंटों में आकलन करते हैं, बाकी ऐसा है नहीं।