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री (Approval )
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मिसाइल सिस्टम, गाइडेड बम, बैलिस्टिक हैलमेट खरीद को मंजूरीरी (Approval )

नई दिल्ली. सेना को मजबूती देने के मकसद से रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद ने 84,328 करोड़ रुपये की सैन्य उपकरण की ख़रीद को मंज़ूरी (Approval ) दे दी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेना के तीनों अंगों और कोस्ट गार्ड के 24 प्रपोज़ल को मंज़ूरी दी गई. ‘मेक इन इंडिया’ के मद्देनजर इन 24 प्रस्तावों में से 21 प्रस्ताव की ख़रीद स्वदेशी कंपनियों से होगी.

इन प्रपोज़ल में से 6 थलसेना, 6 वायुसेना, 10 नौसेना और दो कोस्ट गार्ड के हैं. सेना के लिए फ्यूचुअरस्टिक इंफ़ैंट्री कॉम्बेट व्हीकल, लाइट टैंक, माउंटेड गन सिस्टम, बैलेस्टिक हैलमेट, नौसेना के लिए एंटी शिप मिसाइल, मल्टी पर्पज वेसेल, वायुसेना के लिए नई रेंज के मिसाइल सिस्टम, लॉग रेंज गाइडेड बम, कोस्ट गार्ड के लिए नेक्स्ट जेनेरेशन ऑफशोर पेट्रोल वेसेल शामिल हैं.

सैन्य साजो-सामान की खरीद के लिए मंजूरी ऐसे समय में दी गई है, जबकि चीन के साथ वास्तिवक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात ठीक नहीं हैं और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से पाकिस्तान नार्को-टेरर को अंजाम देने की कोशिश में लगा है. दरअसल, भारतीय और चीनी सैनिक के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में ताजा संघर्ष हुआ, जो जून 2020 में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद इस तरह की पहली बड़ी घटना थी जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष रहे हैं.

भारतीय थलसेना ने एक बयान में कहा था, ‘पीएलए के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर नौ दिसंबर को झड़प हुई. हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता के साथ सामना किया. इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं.’ इसने कहा, “दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए. इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग मीटिंग’ की.” सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घटना में घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया.