अंतराष्ट्रीय

कमाल! इस देश ने बनाया ‘मानव दिमाग’ वाला ड्रोन( ड्रोन)

चीन: चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने ड्रोन टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. इस ड्रोन  ( ड्रोन) की खासियत यह है कि वास्तविक में इंसानों की टीम की तरह ‘ग्रुप चैट’ में शामिल हो कर बात कर सकते हैं.
इस तकनीक में सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग, आपदा बचाव अभियान और हवाई मार्ग के जरिए माल को पहुंचाने में इसके दूरगामी प्रयोग किए जा सकते हैं.

नई संभावनाओं की खोलेगा राह
आमतौर पर, इन ड्रोन को मधुमक्खी और चींटी कॉलोनियों के झुंडों के भीतर कम्युनिकेशंस से प्रेरित है. रिपोर्ट में कहा कि इसके अलावा, चीन के शोधकर्ताओं ने ड्रोन के ऐसे झुंड को विकसित किया हैं जो इंसानों की तरह बातचीत और सहयोग करने में सक्षम है. इस अप्रोच से ड्रोन के बीच निर्बाध कम्युनिकेशन और सहयोग के नई संभावनाएं पैदा करता है.

इसका उपयोग कहां किया जा सकता है?
शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इस टेक्नोलॉजी का उपयोग सुरक्षा गश्त, आपदा राहत प्रयासों और हवाई माल परिवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के लिए किया जा सकता है. ड्रोन को बातचीत और टीम वर्क में शामिल करने से इसके टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों सहित कई क्षेत्रों में उसकी क्षमताओं और समग्र उपयोग किया जा सकता है.

इन संवाद करने वाले ड्रोनों का एक उल्लेखनीय लाभ यह है कि वे अपनी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता रखते हैं. यह पारदर्शिता शोधकर्ताओं और ऑपरेटरों को ड्रोन के व्यवहार की बेहतर समझ हासिल करने में मदद करती है और उनके प्रदर्शन और सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है.

यह आविष्कार किसने किया?
शानक्सी प्रांत में नॉर्थवेस्टर्न पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑप्टिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में ली ज़ुएलॉन्ग और उनकी टीम ने इस उल्लेखनीय ड्रोन की खोज की. उनके कामों में चैटजीपीटी जैसे बड़े भाषा मॉडल के व्यावहारिक रूप से प्रयोगों में है.

‘इंसान जैसा’ डायलॉग
इन ड्रोनों की मुख्य विशेषता उनका “मानव मस्तिष्क” है, जो उन्हें प्राकृतिक भाषा का उपयोग करके एक-दूसरे के साथ संवाद करने में सक्षम बनाता है.

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