समय पर इलाज न मिलने की वजह से मरीजों की जान का बढ़ता है जोखिम
New Delhi:समय पर इलाज न मिलने की वजह से मरीजों की जान का जोखिम बढ़ता है। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक अध्ययन में यह पता चला है कि आधे से ज्यादा हार्ट अटैक से हुईं मौत इलाज में देरी होने की वजह से हुईं। समय पर इलाज के जरिए इन लोगों को मरने से बचाया जा सकता था। मेडिकल जर्नल द लैंसेट में अध्ययन में कहा गया है कि हार्ट अटैक से होने वाली आधे से अधिक मौतें इसलिए होती हैं, क्योंकि लोगों को उन संकेतों और लक्षणों के बारे में पता नहीं होता हैए जिन पर गोल्डन आवर के दौरान ध्यान देने की आवश्यकता होती है। एम्स दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि कार्डियक और स्ट्रोक आपात स्थिति वाले रोगियों का एक छोटा हिस्सा ही स्वास्थ्य सुविधाओं तक जल्दी पहुंचता है। एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. आनंद कृष्णन ने बताया कि अध्ययन तीन विभागों कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी और कम्युनिटी मेडिसिन ने मिलकर किया।