लंदन: इंग्लैंड में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमराई हुई हैं, जिसकी वजह है वहां देशभर में जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल पर चले जाना. यहां नेशनल हेल्थ स्कीम ) के साथ काम कर रहे 61 हजार के करीब जूनियर डॉक्टर (61,000 doctors) हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है कि उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है कि कामकाजी परिस्थितियां भी बेहद खराब हैं. हड़ताल की वजह से देश में अस्पताल संचालन बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं. जूनियर डॉक्टरों के काम बंद करने के बाद हजारों आउट पेशेंट अपॉइंटमेंट पहले ही रद्द कर दिए गए हैं और सर्जिकल प्रक्रियाएं यानि ऑपरेशन भी स्थगित कर दिए हैं.
जूनियर डॉक्टरों ने वेतन में 26 प्रतिशत वृद्धि की मांग को लेकर सोमवार सुबह सात बजे से 72 घंटे की हड़ताल शुरू की. स्वास्थ्य सचिव स्टीव बार्कले ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया, लेकिन ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन और हॉस्पिटल कंसल्टेंट्स एंड स्पेशलिस्ट एसोसिएशन (एचसीएसए) हड़ताल से पीछे नहीं हट रहे हैं.
डॉक्टरों की अलग-अलग यूनियनों ने कहा कि सरकार वर्ष 2022-23 के लिए एकमुश्त भुगतान और अगले साल अनिर्दिष्ट वृद्धि पर चर्चा तो करना चाहती है, लेकिन 26 प्रतिशत वेतन वृद्धि पर सहमत नहीं हुई है. जूनियर डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं, क्रिटिकल केयर और मैटरनिटी वार्ड में काम करने से भी मना कर दिया है.
एक अस्पताल के सीईओ ने बताया कि “मुझे सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि वार्डों में सामान्य से कम मेडिकल राउंड होंगे और एक या दो सलाहकारों के पास देखभाल करने के लिए बहुत सारे बिस्तर होंगे, और उन्हें A&E में लोगों पर भी नज़र रखनी पड़ सकती है. इसलिए मरीजों का इलाज करने में बहुत दिक्कत पेश आ रही है.” उन्होंने आगे कहा कि “जिन रोगियों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, उनके लिए बेहद जोखिम है.”
एनएचएस अधिकारियों ने कहा कि वे वरिष्ठ डॉक्टरों को तैनात करेंगे और लोगों को आपातकाल के मामले में 999 डायल करने की सलाह दी गई है.