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मनमानी कही आंकडों में ही तो नही लगा दी कोविड की दूसरी डोज

उन्नाव । कोविड काल ने कही न कही आमजनजीवन को प्रभावित करने का काम किया। न जाने कितने ही अपनों ने अपनी जान तक गवा दी। इसी कोविड के दौर ने हमें पौधों के महत्व को समझाया, आखिर क्यों हमारे पूर्वज हमें विरासत में अपार वन्य संपदा सौंप कर गए। कोविड वैक्सीनेशन को लेकर जहां प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही है दूसरी तरफ टीकाकरण में मनमानी की घटनाएं भी सामने आ रही है। जिले में एक और मामला चौकाने वाला सामने आया है जहां कोविड की दूसरी डोज लेने वालों की फर्जी फीडिंग कराई जा रही है। इससे जहा एक तरफ सरकार की छवि धूमिल हो रही है वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा के टीके में की जा रही यह सेंधमारी कही किसी बडी समस्या को जन्म न दे दे। असोहा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में तैनात स्वास्थ पर्यवेक्षक श्याम सिंह ने बताया कि बीते 1 दिसंबर से कोविड 19 वैक्सीनेशन की दूसरी डोज लेने वालों की फर्जी फीडिंग खुलेआम धडल्ले से कराई जा रही है। यह सारा खेल अधीक्षक द्वारा अपनी आईडी से खेला जा रहा है। इसकी फीडिंग के लिए 4 कर्मियों की तैनाती भी की गई है। यह कर्मचारी अपने अपने घरों से ही कार्य को अंजाम दे रहे है। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के पत्र जारी होने के बावजूद कर्मियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी नही किया गया। जानकारों की माने तो 200 रुपये के हिसाब से प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाना था लेकिन अधीक्षक ने सभी को मौखिक रुप से टीए बनाने की बात कहकर टाल दिया। जब कि फाइलेरिया कार्यक्रम के मानदेय का भुगतान अभी तक नही हुआ। दो वर्ष का लंबा समय गुजर जाने के बावजूद इस तरह की अनियमितता कही न कही अधीक्षक की लचर व भ्रष्ट कार्यशैली को उजागर करती है। इधर मार्च माह से कोविड वैक्सीनेशन में लगे कर्मियों को मास्क, सेनेटाइज व ग्लब्स आदि भी नही दिए गए। हालांकि मामले में एसडीएम पुरवा द्वारा कमेटी बनाकर जांच की बात सामने आ रही है। मामले में जब डीएम रवींद्र कुमार से बात की गई तो उनके फोन से जानकारी मिली कि डीएम साहब मीटिंग में है, बात में बात हो पाएगी।
इसके पूर्व भी दूसरी डोज में हुआ था फर्जीवाडा
एक मामला बीते नवंबर माह में मियागंज सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का सामने आया था। जहां बिना वैक्सीनेशन कराए ही लोगो के मोबाइल पर दूसरी डोज लगने का मैसेज आने लगा। शुरुवाती दौर में लोगो ने इन मैसेज पर कुछ खास ध्यान नही दिया। लेकिन जब फर्जीवाडे में बढोत्तरी होने लगी तो इसकी शिकायत सफीपुर विधायक से स्थानीय लोगो ने की थी। शिकायत के बाद जब सीएमओ द्वारा सीएचसी में छापेमारी की गई तो रजिस्टर मिलान पर जानकारी मिली कि खपत व उपलब्धता में अंतर पाया गया था। ऐसा ही मामला इन दिनों असोहा सीएचसी का सामने आया है। जहां स्वास्थ पर्यवेक्षक द्वारा पूरे खेल को उजागर किया गया। यहां पर कोविड की दूसरी डोज के नाम पर फर्जीवाडा किया जा रहा है। दूसरी डोज की फर्जी फीडिंग से कही न कही स्वास्थ कर्मी भी अब परेशान है। लेकिन अधीक्षक की मनमानी थमने का नाम नही ले रही।