Breaking News
Temperature Of Lucknow Becomes 3.5 Degree Celcious.
www.vicharsuchak.in

बर्फीली हवा और गलन से कंपकंपा उठा लोग, फिलहाल नहीं मिलेगी राहत

बर्फीली हवा और गलन से शनिवार को राजधानी कंपकंपा उठी। न्यूनतम तापमन गोता लगाते हुए सीजन में पहली बार चार डिग्री के नीचे जा पहुंचा। यह 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से चार डिग्री कम रहा। बीते 24 घंटों में पारे में 4.2 डिग्री की गिरावट रही। इससे पहले एक हफ्ते से न्यूनतम तापमान 5 से 11 डिग्री के आसपास रहा था। लखनऊ शनिवार को प्रदेश के दस सबसे ठंडे शहरों में शामिल रहा। वहीं, रविवार सुबह भी ठंड से कोई राहत नहीं मिली हालांकि, दोपहर 12 बजे के करीब निकली धूप ने लोगों को सुखद एहसास कराया।

सर्दी का सितम
सर्दी का सितम

इससे पहले जब सुबह लोग रजाइयों में करवटें ले रहे थे, शहर पारे के ‘थर्ड डिग्री’ से जूझ रहा था। ठंड से कंपाती सुबह की शुरुआत घने कोहरे के साथ हुई। सुबह शहर के कस्बों को जोड़ने वाली सड़कों और मुख्य सड़कों पर आठ बजे के आसपास तक विजिबिलिटी कम रही तो गलन ने लोगों को भीतर तक कंपाया। 11 बजे के बाद हल्की धूप जरूर निकली, लेकिन गलन इस कदर हावी रही कि लोग गर्म कपड़ों से लदे ही रहे। दिन का अधिकतम तापमान भले ही 15.1 डिग्री सेल्सियस रहा, लेकिन यह भी सामान्य से 7 डिग्री कम ही रहा।

सर्दी का सितम

रात होते ही घने कोहरे में लिपटा शहर
शाम से पहले ही हवा के झोंकों संग बढ़ी गलन से वीकएंड पर लोगों को घरों में ही रहने पर मजबूर किया। गली-मोहल्लों में अलाव सहारा बने रहे। रात के 9 बजते-बजते गोमतीनगर, कैंट, कानपुर रोड, इंदिरानगर को घने कोहरे ने आगोश में ले लिया

फिलहाल तीखी सर्दी से राहत नहीं
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्त ने कहा कि पहाड़ों पर बर्फबारी से वहां से उत्तर-पश्चिम हवाएं प्रदेश में ठंड करवा रही है। राजधानी समेत आसपास के इलाकों में ठंड, घने कोहरे का दौर जारी रहेगा। एक से तीन जनवरी के बीच संभावित बारिश के बाद भी ठंड के तेवर इसी तरह रहेंगे। न्यूनतम पारे में कुछ जगह और गिरावट आ सकती है। दोपहर में कमजोर धूप मिलेगी।

सर्दी का सितम

सावधानी बरतें, कहीं घातक न साबित  हो जाए यह ठंड
हाड़ कंपाने वाली ठंड में सावधानी न बरतना घातक साबित हो सकता है। लोहिया संस्थान में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. आरके गर्ग का कहना है कि तेज ठंड में खून की नसों में सिकुड़न आ जाती है। इससे खून का बहाव प्रभावित होता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इससे दिमाग की नसें फट जाती हैं। यह ब्रेन स्ट्रोक का कारण है।

वहीं, प्रो. कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष भुवनचंद तिवारी ने बताया कि नसों में सिकुड़न आने से हृदय को ज्यादा काम करना पड़ता है। ऐसे में जिन्हें पहले से हृदय संबंधी बीमारी है, उनमें हार्ट फेल्योर की आशंका बढ़ जाती है। हृदय रोगी नियमित दवा लें और बदन पूरी तरह से ढककर रखें। तली-भुनी चीजें कम खाएं। विटामिन डी को मेंटेन रखने के लिए गर्म दूध लें। ब्लड प्रेशर बढ़ रहा हो तो डॉक्टर को दिखाएं।