Breaking News

प्यार में जुनूनी यानी होने के क्या संकेत ?हो सकती है ये बीमारी!

 

प्यार में होना: प्यार में होना, किसी को स्पेशल महसूस करवाना और किसी की खुशी का ख्याल रखना बहुत अच्छा लगता है. लेकिन जब ये केयर और प्यार जुनून में बदल जाए तो ये ना सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके पार्टनर के लिए भी डरावना और घुटन भरा हो सकता है. जब भी आप अपने प्यार को लेकर बहुत जुनूनी और पागलपन की हद तक पहुंच जाते हैं तो यह एक संकेत है कि आपको डॉक्टर की जरूरत है. आइए जानें, प्यार में जुनूनी यानी होने के क्या संकेत हैं.

ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर एक साइकोलॉजिकल कंडीशन है, जिसमें मरीज किसी एक व्यक्ति पर असामान्य रूप से मुग्ध हो जाता है और उसे लगता है कि वो उससे प्यार करता है और उस पर सिर्फ उसी का हक है. बदले में वो जुनूनी प्यार की कल्पना करता है.

क्या आप हमेशा अपने पार्टनर के बारे में सोचते रहते हैं. क्या आप सोचते हैं कि वो इस वक्त क्या कर रहा होगा, बाथरूम जाने का वक्त, खाना खाने का वक्‍त, नहाने का वक्‍त उसकी हर चीज के बारे में सोचते हैं. जब आपका दिमाग हर समय खुद को भूलकर सिर्फ अपने बारे में सोचने लगे तो समझ जाएं कि ये अलर्ट होने का संकेत है क्योंकि ये ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर का पहला लक्षण है.

पार्टनर पर थोडा सा अधिकार होना स्वाभाविक है लेकिन जब आप उसे निर्देश देने लगे कि आपको उसकी क्या चीज पसंद नहीं हैं या जब वो आपकी अनुपस्थिति में अपने सबसे अच्छे दोस्तों से मिले तो आपको पसंद ना आए. आपका पार्टनर ऑफिस के सहयोगियों या बॉस के साथ लंच-डिनर पर जाए और आपको पसंद ना आए. आपके सामने वो अपने पुराने पार्टनर की बातें करें या दूसरों को उसके करीब देखकर आपको जलन होने लगे तो समझ जाएं आप उनको लेकर बहुत पज़ेसिव हो गए हैं. आपकी टोका-टाकी और इस तरह का व्यवहार आपके रिश्ते के लिए खतरा बन सकता है.

क्या आप अपने पार्टनर को लगातार मैसेज, कॉल्स या मेल करते हैं. आप निरंतर उनके संपर्क में रहने की कोशिश करते हैं. आप जानने की कोशिश करते हैं कि वे किसके साथ हैं या क्या कर रहे हैं तो समझ जाएं कि आपको ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर हो गया है.

यदि आप किसी के प्यार में हैं और अपने उस पार्टनर के प्रति इतने आसक्त है कि आपको अपने आसपास के लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता. आप अपने दोस्तों, परिवार और समाज से भी खुद को काट लेते हैं तो ये ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर का लक्षण है.

पार्टनर कहां जा रहा है? किससे मिल रहा है? इतनी देर से फोन पर क्यों और किससे बात कर रहे हो? उससे इतनी बार क्यों मिलते हो (भले ही समान लिंग और सिर्फ दोस्त हों)? जब ये प्रश्न पूछे जानें लगे तो समझ लें कि ये खतरे की घंटी है.