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up news barabanki woman gave birth to a child in ambulance then had to be taken home by handcart
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पैसे की डिमांड पूरी नहीं की तो ठेले पर ले जाना पड़ा घर, महिला ने एंबुलेंस में नवजात को दिया जन्म

  • बाराबंकी जिले में त्रिवेदीगंज स्थित सीएचसी का मामला, सीएस ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई
  • परिजनों का आरोप- स्टॉफ नर्स ने एक हजार रुपए मांगे थे, नहीं देने पर न इलाज किया और न ही पंजीकरण किया

बाराबंकी. यहां स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता के चलते एक युवक को पत्नी और नवजात को ठेले पर लिटाकर अस्पताल से घर ले जाना पड़ा। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्रिवेदीगंज का है। यहां एंबुलेंस में ही एक महिला ने नवजात को जन्म दिया। आरोप है कि अस्पताल पहुंचने पर एंबुलेंस वाले ने उससे एक हजार रुपए की मांग की। नहीं देने पर न तो उसका पंजीकरण किया गया और न ही इलाज। यहां तक की घर जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिली। ऐसे में मजबूरन परिजनों को ठेले पर जच्चा और बच्चा को घर ले जाना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक, लोनीकटरा के बेलहरी गांव निवासी राम नरेश की पत्नी रेखा गर्भवती थी। रविवार को वह एंबुलेंस से सीएचसी त्रिवेदीगंज जा रही थी। सीएचसी पर पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में उसका डिलीवरी हो गई। सीएचसी परिसर में एंबुलेंस चालक रेखा को उतारकर चला गया। इसके बाद परिजन उसे सीएचसी के अंदर ले गए। आरोप है कि एक हजार रुपए न देने के कारण उसका इलाज न करके उसे बैरंग लौटा दिया। 102 एंबुलेंस प्रसूता को घर भेजने के लिए नहीं मिल सकी। इसके बाद मजबूर होकर परिजन उसे ठेले पर घर लेकर आए।
परिजनों ने बताया कि स्टॉफ नर्स ने उनसे एक हजार रुपए मांगे थे। पैसे न देने के बाद उन लोगों ने मरीज का न तो सही से इलाज किया और न ही घर जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा दी। यहां तक कि सीएचसी में कोई पंजीकरण भी नहीं किया। इसके चलते उन्हें योजना के पैसे भी नहीं मिलेंगे। सीएमओ डॉक्टर रमेश चंद्र ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी मिलेगा, उस पर कार्रवाई होगी।