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‘धर्म संसद’ अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं

हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले दिनों आयोजित ‘धर्म संसद’ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के सिलसिले में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने दो और लोगों का नाम शामिल किया है. हालांकि इस केस में पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है.
हरिद्वार के शहर पुलिस अधीक्षक (सिटी-एसपी) शेखर सुयाल ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने हेट स्पीच मामले में धर्म दास और एक महिला अन्नपूर्णा को नामजद किया है. इससे पहले बुधवार को पुलिस ने बताया था कि उसने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया है. इसी मामले में इन दोनों लोगों का नाम जोड़ा गया है.

इस बीच, धर्म संसद के एक सहभागी आनंद स्वरूप ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘हम अपने उन बयानों पर कायम हैं जो सुविचारित हैं. यदि कोई व्यक्ति हमारी बहन का बलात्कार करता है, तो क्या हम उसे मार नहीं देंगे? वक्ताओं ने ऐसे व्यक्तियों को मारने की बात की, सामान्य मुसलमानों की नहीं. जो हमारे दोस्त हैं. भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता.’

इससे पहले हरिद्वार कोतवाली थाने के एसएचओ रकिंदर सिंह ने बताया कि ज्वालापुर के एक निवासी की शिकायत पर जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. त्यागी का नाम पहले वसीम रिजवी था. उन्होंने कहा कि वह इस महीने की शुरुआत में धर्म परिवर्तन करने के बाद हिंदू बने थे. एसएचओ ने कहा, ‘शिकायतकर्ता से हमें कार्यक्रम का कुछ फुटेज भी मिला है, जिसकी जांच चल रही है.’ यह पूछने पर कि क्या गिरफ्तारियां होंगी तो उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही ऐसा हो सकता है.

बता दें कि ‘धर्म संसद’ का आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरि ने की थी, जिन पर विगत में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप हैं. इस कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ और उत्तेजक भाषण दिए थे और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने लोगों से हथियार उठाने और एक पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारने की भी अपील की.