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जो बाइडन फिलहाल इमरान खान से नहीं करेंगे बात

न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बात करने का इंतजार और लंबा होता दिख रहा है.अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रवक्ता जेन साकी के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.

अमेरिकी सरकार के विभिन्न स्तरों के अधिकारियों ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों से बात की है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्यक्तिगत रूप से इमरान खानसे संपर्क नहीं किया है. जब बाइडन 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर रहे थे, तो संयुक्त राष्ट्र में इमरान ने अफगानिस्तान में अमेरिका के कार्यों की तीखी आलोचना की और उन्होंने अपने और राष्ट्रपति बाइडन के बीच सीधे जुड़ाव की कमी पर अफसोस जताया.

जेन साकी के मुताबिक ‘राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस समय सभी विदेशी नेताओं के साथ बात नहीं की है, यह बिल्कुल सच है लेकिन निश्चित रूप से उनके पास एक टीम है. एक विशेषज्ञ टीम को ठीक ऐसा करने के लिए तैनात किया गया है.’ खान ने भी ऐसा ही रिएक्शन दिया जब एक इंटरव्यूअर ने उनसे बाइडन की चुप्पी के बारे में पूछा. इस महीने की शुरुआत में सीएनएन के एक इंटरव्यू में जो बाइडन के साथ व्यक्तिगत बातचीत नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर, खान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह बहुत व्यस्त हैं, लेकिन अमेरिका के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ एक फोन कॉल पर निर्भर नहीं है, इसमें बहुआयामी संबंध रखने की जरूरत है.’

बता दें, 24 सितंबर को, इमरान खान ने मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन के साथ बाइडन के क्वाड शिखर सम्मेलन के ठीक बाद संयुक्त राष्ट्र में बात की. पाकिस्तानी PM ने पूछा, ‘अमेरिका में दुभाषियों और अमेरिका की मदद करने वाले सभी लोगों की देखभाल करने के बारे में बहुत चिंता है. हमारे बारे में क्या?’ खान ने अपने देश के प्रति अमेरिका की गलतियों की एक लंबी सूची दी और इसे तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के तरीके के लिए जिम्मेदार ठहराया.

इस दौरान इमरान खान ने कहा, ‘हमारा इतना नुकसान उठाने का एकमात्र कारण यह था कि हम अफगानिस्तान में युद्ध में अमेरिका, गठबंधन के सहयोगी बन गए थे. अफगान धरती से पाकिस्तान में हमले किए जा रहे हैं. कम से कम प्रशंसा का एक शब्द होना चाहिए था लेकिन प्रशंसा के बजाय, कल्पना करें कि जब हम अफगानिस्तान में घटनाओं के मोड़ के लिए दोषी ठहराए जाते हैं तो हम कैसा महसूस करते हैं. खान ने कहा कि 2006 में उन्होंने बाइडन से मुलाकात की, जो उस समय एक सीनेटर थे और उनसे कहा कि अफगानिस्तान में एक सैन्य समाधान संभव नहीं है और एक राजनीतिक समाधान की अपील की थी.