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छत्तीसगढ कोयले के परिवहन को ई-परमिट नहीं दे रहा, एपीपी की कोयला मंत्रालय से हस्तक्षेप की अपील

नई दिल्ली। बिजली उत्पादकों ने छत्तीसगढ़ द्वारा स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) को कोयले के परिवहन के लिए ई-परमिट नहीं जारी करने के मामले में कोयला मंत्रालय से हस्तक्षेप की अपील की है। एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स (एपीपी) ने कोयला सचिव को इस बारे में 17 अगस्त को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है, ‘‘वह इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए छत्तीसगढ़ के खान/खनिज विभाग के संबंधित अधिकारियों को आईपीपी को कोयले के परिवहन के लिए ई-परमिट जारी करने का निर्देश दें।’’ एपीपी ने इस बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को भी 17 अगस्त को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है, ‘‘यदि छत्तीसगढ़ राज्य के खान/खनिज विभाग का इसी तरह का रवैया रहता है, तो आईपीपी के समक्ष अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए कोयले का आयात करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा।’’ पत्र में कहा गया है कि यह स्थिति केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुकूल नहीं होगी। कोयला कंपनियां सहमति ज्ञापन (एमओयू) या ई-नीलामी जैसे करारों के तहत आपूर्ति ऑर्डर जारी कर आईपीपी को कोयले की आपूर्ति करती हैं। इस तरह के परमिट के तहत खान से सीधे आईपीपी को या खान से वॉशरी परिचालक को कोयले के परिवहन की अनुमति दी जाती है। बाद में इसे आगे आईपीपी को भेजा जाता है। बिना ई-परिमट के कोयले का परिवहन नहीं किया जा सकता।