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चीन गोगरा पोस्ट से पीछे हटने को तैयार हॉट स्प्रिंग्स छोड़ने को राज़ी नहीं

नई दिल्ली. भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में मुद्दों को हल करने के लिए सहमति जताई है. दोनों देशों की सेनाओं के एक संयुक्त बयान में कहा है कि वह लंबित मुद्दों को तेजी से सुलझाने पर सहमत हैं और इस बैठक को रचनात्मक करार दिया गया. कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता के दौरान शनिवार को PP17A पर समझौता हुआ. लद्दाख में 15 महीने पुराने गतिरोध को दूर करने के मुद्दे पर आयोजित यह बैठक भारतीय पक्ष के चुशुल मोल्डो सीमा पर आयोजित की गई. सूत्रों ने कहा कि चीन PP17A यानी गोगरा पोस्ट से पीछे हटने के लिए सहमत हो गया है लेकिन PP15 या हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से वापस जाने के लिए ‘इच्छुक नहीं’ है.
एक अधिकारी ने कहा ‘PP17A पर डिसएंगेज होने का समझौता हुआ है. PP15 पर चीन लगातार कह रहा है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भीतर ही है.’ रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव सरकार के पास हैं और सैनिकों की आवाजाही कैसे होगी, इस पर चर्चा की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में मूवमेंट शुरू होने की उम्मीद है.

सूत्रों ने कहा कि देपसांग मैदानों में चीनी घुसपैठ और डेमचोक क्षेत्र में चारडिंग-निंगलुंग नाला (सीएनएन) के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई लेकिन फरवरी से चल रहे गतिरोध के मद्देनजर हुआ फैसला भी काफी अहम है. सूत्रों के अनुसार, PP17A में डिसएंगेजमेंट के दौरान वहीं प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो में PP14 के लिए अमल में लाई गई थी. उस दौरान वापसी के लिए समय-सीमा निर्धारित कर अस्थायी बसावटों को हटाया गया और फिर फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया.

एक अन्य अधिकारी ने कहा ‘इन गतिरोध की जगहों पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच लगभग 500 मीटर की दूरी है लेकिन डिसएंगेजमेंट जरूरी है क्योंकि इस स्थिति को बनाए रखना मुश्किल है और मामला किसी भी समय हाथ से निकल सकता है.’

भारतीय और चीनी सेनाओं के शीर्ष कमांडरों के बीच शनिवार को नौ घंटे लंबी बैठक चली थी और इस दौरान खास तौर पर पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बाकी बचे बिंदुओं से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया.

शनिवार की बैठक के दौरान भारत ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देप्सांग में लंबित मुद्दों के समाधान पर जोर दिया था. बातचीत का यह दौर पिछली बार हुई वार्ता से साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद हो रहा है. इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी.