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(कंपनी)
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कंपनी (कंपनी)कर रही है अनोखी विदाई की तैयारी

इटरनल रीफ नाम की कंपनी(कंपनी) इंसान के शरीर को समुद्री शैवालों का घर बनाने पर काम कर रही है. घबराइए नहीं, ऐसा तब होगा, जब इंसान इस दुनिया को छोड़कर जा चुका होगा.
कभी सोचा है आपने कि इंसान पर्यावरण को मरने के बाद भी कुछ दे सकता है? इसका जवाब है कि इंसान का शरीर मरने के बाद भी इकोसिस्टम के काम आ सकता है. इस बात को दुनिया के सामने इंट्रोड्यूस किया है इटरनल रीफनाम की कंपनी ने, जो इंसानी शव के ग्रीन बरियल यानि पर्यावरण के काम आने वाले अंतिम संस्कार पर बात करती है.

अंतिम संस्कार के इस अनोखे तरीके में खर्च उतना ही है, जितना सामान्य तौर पर फ्यूनरल में आता है. फर्क इतना है कि अंतिम संस्कार के बाद शव किसी काम में नहीं आता लेकिन इस तरीके से वो समुद्री शैवालों और जानवरों के काम आ सकता है. इंसानी अवशेषों को कॉन्क्रीट के साथ मिलाकर समुद्र में डुबोया जाएगा ताकि उसे समुद्री जीव-जंतु कोरल रीफ या प्रवाल भित्तियों में बदल जाएंगे.

अमेरिका की अंतिम संस्कार ऑर्गनाइज़ करने वाली फर्म इटरनल रीफ ने साल 1998 में ग्रीन बरियल की ये सर्विस लॉन्च की. तब से आज तक उन्होंने 2000 से ज्यादा इंसानी प्रवाल भत्तियां या कोरल रीफ अमेरिका के पूर्वी तट पर डुबोए हैं. इंसानी शव के अवेशेषों को कंक्रीट से मिलाकर मेमोरियल बॉल्स बनाई जाती हैं. इन पर हाथों की छाप और कुछ पर्सनल चीज़ों और संदेश भी लिखे जा सकते हैं. ये पूरी प्रक्रिया सामान्य अंतिम संस्कार जितनी ही कॉस्ट लेती है. कंपनी की वेबसाइट पर इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है.
रीफ सिस्टम को पर्यावरण के लिए सुरक्षित मरीन ग्रेड कंक्रीट से बनाया जाता है, जो आसानी से समुद्री वातावरण में मिल जाती हैं.

क्या होती है कोरल रीफ बॉल्स
इस तरह के रीफ सिस्टम को पर्यावरण के लिए सुरक्षित मरीन ग्रेड कंक्रीट से बनाया जाता है, जो आसानी से समुद्री वातावरण में मिल जाती हैं. इस तरह की रीफ बॉल्स के ज़रिये मछली और अन्य समुद्री जीव-जंतुओं को आसरा मिल जाता है. 1990 के अंत से अब तक दुनिया भर के 70 देशों से 7 लाख 50 हज़ार से भी ज्यादा रीफ बॉल्स समुद्र में डाली गई हैं, ताकि समुद्री शैवालों में वृद्धि हो सके. फ्लोरिडा के कोस्ट पर मौजूद नेपच्यून मेमोरियल रीफ करीब 1000 शवों की राख से बनी हुई है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं.