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एसजीपीजीआई में हुई रोबोटिक सर्जरी

लखनऊ । राजधानी में पहली बार रोबोटिक सर्जरी, प्रोस्टेट की बायोप्सी सफलापूर्वक हुई। रोबोटिक माध्यम से की बायोप्सी सफलतापूर्वक संपन्न की गई। यह अपने आप में प्रदेशके लिए उपलब्धि है, क्योंकि अभी तक इसविधि से बायोप्सी सिर्फ एम्स दिल्ली और चंडीगढ़ में ही उपलब्ध थी। अब एसजीपीजीआई में भी यह सुविधा उपलब्धहो सकेगी। कैंसर की पुष्टि के लिए बायोप्सी अनिवार्य रूप से की जाती हैं। अभी तक यह बायोप्सीप्रक्रिया मरीज के गुदा द्वार में सुई डालकर की जाती हैं।

यह प्रक्रिया मरीजके लिये कास्तकारी और असुविधाजनक होती हैं, क्योकि इस पुराणी विधि से ग्रंथि के अलग अलगहिस्सों से 8 से 10 सैंपल लेने पढ़ते हैं। न्यूक्लियर मेडिसिन चिकित्सक द्वारा चिन्हित करने के बाद रोबोट को निर्देशित किया जाता हैं। जिससे कमर के निचले हिस्से में एक बार सुई डाल के बायोप्सी प्रक्रिया संपन्नहो जाती हैं। इस विधि से मरीज को केवल एक इंजेक्शन जैसा हल्का दर्द होता हैं।इस नयी तकनीक केमाध्यम से मरीज के समस्त अंगों में कैंसर कोशिकाओं के फैलाव के साथ साथ रोबोटद्वारा बायोप्सी करके कैंसर की सत्यता स्थापित हो सकेगी। यह प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में पूरी हो जाती हैं और मरीज को कोई जटिलता नहींहोती। यह क्रांतिकारी तकनीक जो उत्तर प्रदेश में केवल में ही उपलब्ध है, कैंसर के उपचार में मील का पत्थर साबित होगी।