लखनऊ

कौशल विकास मिशन की तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न, प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने युवाओं के लिए उत्पादन-उन्मुख प्रशिक्षण की वकालत की !

लखनऊ -: उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय “क्षमता संवर्धन कार्यशाला” का सफल समापन आज राजधानी के सेंट्रम होटल में हुआ। समापन सत्र में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने मिशन के उद्देश्यों और भविष्य की दिशा पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।डॉ. हरिओम ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप गुणवत्तापरक और व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें राज्य के आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनाना है। उन्होंने कहा कि मिशन को उत्पादन-उन्मुख लक्ष्यों के साथ संचालित किया जा रहा है,

और आने वाले समय में रणनीतिक योजना, नवाचार, तकनीकी समावेशन और जवाबदेही जैसे तत्वों को कार्यान्वयन में प्राथमिकता दी जाएगी।कार्यशाला के पहले सत्र में मिशन के संयुक्त निदेशक मयंक गंगवार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के औपचारिक शिक्षा से एकीकरण की जानकारी दी। उन्होंने 2025 तक 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने के लक्ष्य को साझा करते हुए “नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क” (NCF) की उपयोगिता बताई। यह ढांचा स्कूल, उच्चतर और कौशल शिक्षा को एकीकृत करता है। उन्होंने बताया कि NCVET और राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद को अब ‘अवार्डिंग बॉडी’ के रूप में मान्यता प्राप्त हो चुकी है, जिससे राज्य में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किए जा सकेंगे।कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में विजय नामदेव ने NCVET पोर्टल के तकनीकी प्रबंधन, और राम सहारे, मोहित श्रीवास्तव व नितिन वर्मा ने प्रशिक्षण चक्र की बारीकियों पर व्याख्यान दिया। टाटा टेक्नोलॉजी के सुशील कुमार ने इंडस्ट्री प्रैक्टिस की दिशा में अपने अनुभव साझा किए।

इस आयोजन की विशेषता रही एक सांस्कृतिक सत्र, जिसमें प्रसिद्ध शायर फैज खुमार बाराबंकवी और हास्य कवि विकास बौखल ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सत्र में डॉ. हरिओम की धर्मपत्नी मालविका हरिओम ने एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भाव-विभोर कर दिया।कार्यशाला के समापन पर अतिरिक्त निदेशक एम.के. सिंह ने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला को सार्थक, प्रेरक और प्रभावशाली बताया। आयोजन में राज्य भर से आए जिला समन्वयकों, मंडलीय अधिकारियों और विभागीय प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता रही।

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