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अब ट्रकों में ओवरलोडिंग पर लगेगी लगाम!( ट्रकों) 

टोल टैक्स: किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में ट्रैकों की अहम भूमिका होती है. भारत में भी ट्रक अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन, ट्रैकों ( ट्रकों)  में होने वाली ओवरलोडिंग एक बड़ी चिंता का कारण है. ओवरलोडिंग से हादसों की संभावना बढ़ जाती है. इसके साथ ही, रोड के रखरखाव और मरम्मत का खर्चा भी बढ़ता है. इस चीज को एड्रेस करने के लिए केंद्र सरकार वजन के आधार पर टोल टैक्स लगाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. यानी, ट्रैकों में कितना वजन होगा, उसके आधार पर टोल टैक्स कटेगा.

इसके लिए टोल प्लाजा पर वे-इन मोशन सिस्टम इंस्टॉल किए जा रहे हैं. देशभर में लगभग 850 से ज्यादा टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 40% से ज्यादा टोल प्लाजा पर वे-इन मोशन सिस्टम लगाया जा चुका है और बाकी टोल प्लाजा पर लगाने की कवायद जारी है. यह सिस्टम ट्रक का एक्सल लोड, ट्रक का वजन, नंबर, स्पीड और कैटेगरी (कितने एक्सल का ट्रक है) आदि को रीड करता है. इसके आधार पर टोल टैक्स काटा जाएगा.

वाईएसआर नेता विजय साई रेड्डी की अध्यक्षता वाली परिवहन व पर्यटन संबंधी संसदीय स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओवरलोड ट्रकों पर जुर्माना लगाने के लिए टोल टैक्स कंपनियों को अधिकार दिया जाएगा. वह ओवरलोडिंग के लिए ट्रक मालिक पर 10 गुना तक जुर्माना लगा सकती हैं. इसके अलावा, ट्रक से ज्यादा वजन (तय सीमा से) को उतारा जाएगा, उसके बाद ट्रक को आगे रवाना किया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि ‘टोल कंपनियों को ट्रक को जब्त करने और मामला दर्ज करने का भी अधिकार दिया जाएगा. ओवरलोडिंग से निपटने के लिए ट्रक में वजन के आधार पर टोल लगाने का फार्मूला लागू किया जाएगा.’ सरकार की इस कवायद का उद्देश्य नेशनल हाईवे पर कमर्शियल व्हीकल्स में होने वाली ओवरलोडिंग को कम करना है.

 

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