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महाराष्ट्रः रायगढ़   (Raigarh)में हुआ बड़ा हादसा

रायगढ़. महाराष्ट्र में इस वक्त बारिश आफत बनकर बरस रही है. जगह-जगह जलभराव की समस्या शुरू हो गई है. प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला किया है. वहीं इस बीच रायगढ़  (Raigarh) जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में भारी लैंडस्लाइड की घटना की जानकारी मिली है. इसमें 50 परिवार के सदस्यों के फंसे होने की आशंका है. वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर एनडीआरएफ की दो टीमों को भेजा गया है. प्रत्येक टीम में 25 सदस्य शामिल हैं.

अब तक 22 लोगों को सुरक्षित बचाया गया
रायगढ़ पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक हमने 22 लोगों को बचाया है. अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. फिलहाल पुलिस और जिला प्रशासन के 100 से अधिक अधिकारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं. हमें एनडीआरएफ, स्थानीय लोगों और कुछ गैर सरकारी संगठनों से मदद मिल रही है. बताया जा रहा है कि इरशालवाड़ी के निचले हिस्से में बसी आदिवासी बस्ती चपेट में आई है. यह इलाका नवी मुंबई के लिए पीने के पानी की सप्लाई करने वाले मोरबे बांध के पास चौक गांव से 6 किलोमीटर दूर एक आदिवासी इलाका है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए दो और टीमें पहुंचीं
एनडीआरएफ ने बताया कि रायगढ़ जिले के खालापुर के इरशालवाड़ी में भूस्खलन की सूचना मिली है. कुछ लोगों को फंसने का डर है. एनडीआरएफ की 2 टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और तलाश एवं बचाव शुरू कर दिया है. ऑपरेशन में शामिल होने के लिए 2 और टीमें मुंबई से रवाना हो गई हैं. घटना के बाद रायगढ़ पुलिस ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है. अधिक विवरण की प्रतीक्षा है.

रायगढ़ के लिए आईएमडी ने जारी किया अलर्ट
अधिकारियों ने कहा कि इनमें से पांच से छह घर नुकसान से बचने में सफल रहे और एक स्कूल को भी कोई नुकसान नहीं हुआ. राज्य के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को रायगढ़ के लिए “रेड अलर्ट” जारी किया है. जिला प्रशासन ने भूस्खलन की घटना के बाद बचाव अभियान में गैर सरकारी संगठनों से आगे आने और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की सहायता करने की अपील की है.

घटनास्थल पर पहुंचने के लिए अधिकारियों को करनी पड़ी रही है मशक्कत
रायगढ़ के जिला कलेक्टर योगेश म्हासे ने कहा कि घटना आधी रात को हुई और एक उप-विभागीय अधिकारी और खोपोली के तहसीलदार की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची, जहां उन्होंने सात लोगों को सुरक्षित बाहर निकलते हुए देखा. म्हासे ने कहा, “घटनास्थल तक पहुंचने के लिए दो घंटे की चढ़ाई करनी पड़ती है, जो हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है.”

आसपास के अस्पतालों में जारी किया गया अलर्ट
संभागीय आयुक्त महेंद्र कल्याणकर ने कहा कि उन्होंने आधी रात के आसपास सभी अधिकारियों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और भूस्खलन के संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का भी फोन आया. रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घरगे ने कहा कि उन्होंने भूस्खलन के बाद पनवेल और नवी मुंबई के सभी अस्पतालों को अलर्ट जारी किया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घायलों को तत्काल चिकित्सा देखभाल मिल सके. भूस्खलन स्थल पर बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की दो टीमों को भेजा गया, जिनमें से प्रत्येक टीम में 25 सदस्य थे और चार एम्बुलेंस मौके पर पहुंचीं.

लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मौके पर एंबुलेंस तैयार
चौक में ग्रामीण स्वास्थ्य इकाई में तालुका स्वास्थ्य अधिकारी और चार डॉक्टरों के साथ चार एम्बुलेंस तैयार हैं. खालापुर में वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के उपाध्यक्ष रोहित चंद्रकांत पवार, जो घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से एक थे, उन्होंने कहा, “हमने तीन लोगों को बचाया है और उन्हें तलहटी में ला रहे हैं.” पवार ने आगे कहा कि एक स्थानीय स्कूल में शरण लेने वाले लगभग दस से बारह लोगों को बचाया गया और रात में मोरबे बांध पर मछली पकड़ने गए पांच लोगों को भी बचाया गया.

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