अंतराष्ट्रीय

उत्तर कोरिया में लोगों को नहीं मिल रहा अनाज, खतरे(food grains)  में है तानाशाह

सियोल. कोरोना महामारी ने विश्व भर में खाद्य संकट पैदा कर दिया है. इसका असर(food grains)  उत्तर कोरिया में भी दिखने लगा है. वैश्विक महामारी के बाद लोग यहां खाने की कमी से जूझ रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया में एक बड़ी आबादी इस समय भुखमरी का शिकार है. लेकिन उत्तर कोरिया के एक्सपर्ट का मानना है कि देश में फिलहाल आकाल जैसी स्थिति नहीं है.

उत्तर कोरिया में यह चर्चा जोरों पर है कि शीर्ष नेता एक सही कृषि नीति तैयार करने के लिए तत्काल चर्चा की तैयारी में जुटे हुए हैं. हालंकि इन अटकलों के बीच एक्सपर्ट का मानना है कि सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की आगामी बैठक का उद्देश्य तानाशाह किम जोंग उन के समर्थन को बढ़ावा देना है. इसका सबसे बड़ा कारण है किम का अमेरिकी दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ाना है.

भुखमरी दूर किए बिना आगे नहीं बढ़ पाएंगे किम
गौरतलब है कि सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की बैठक फरवरी के अंत में होना है. इस बैठक का एजेंडा अभी तक सामने नहीं लाया गया है. लेकिन वर्कर्स पार्टी के पोलित ब्यूरो का कहना है कि कृषि विकास में बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है. इसके साथ कृषि विकास को लेकर उन तमाम कदमों को उठाने की आवश्यकता है जो उचित है. सियोल में क्यूंगनाम यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर फार ईस्टर्न स्टडीज के प्रोफेसर लिम एउल-चुल का कहना है कि खाद्य समस्या को हल किए बिना किम जोंग उन अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे. क्योंकि ऐसा करने से जनता के समर्थन को धक्का लग सकता है.

उत्तर कोरिया कोई पहली बार भुखमरी का सामना नहीं कर रहा है. हालांकि खाद्य संकट की सटीक स्थिति जानना मुश्किल है. साल 1990 में उत्तर कोरिया पहले भी इस संकट का सामना कर चुका है. इस दौरान यहां लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके थे. उस समय से लेकर अब तक उत्तर कोरिया इस संकट से जूझ रहा है. किम जोंग उन ने साल 2011 के अंत में अपने पिता की जगह ली थी. सत्ता में आने के बाद किम ने वादा किया था कि वह देश में भुखमरी को दूर करेंगे. हालांकि किम के शासन के शुरूआत में अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ था. लेकिन परमाणु कार्यक्रम के कारण उत्तर कोरिया पर कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए गए. इस कारण देश में यह संकट गहराता गया.

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button