सस्ते फूड का युग खत्म

जलवायु परिवर्तन (cheap food) से निपटने और फूड सिक्योरिटी में सुधार करने के लिए 2030 तक का लक्ष्य रखना और खाने की बर्बादी को 50% कम करने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। रूस-यूक्रेन जंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया भर में अनाज की कीमतें आसमान (cheap food) छू रही हैं। यूनाइटेड नेशन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (UNFAO) के अनुसार, करीब 15.30 करोड़ टन फूड हर साल बर्बाद हो जाता है।
दूसरी ओर यूरोपीय संघ (EU) अपने आयात की तुलना में अधिक फूड बर्बाद करता है। अकेले यूरोपीय संघ में बर्बाद होने वाले गेहूं की मात्रा यूक्रेन के गेहूं निर्यात के करीब आधे और यूरोपीय संघ के अन्य अनाज निर्यात के एक चौथाई के बराबर है।
फीडबैक EU के डायरेक्टर फ्रैंक मेचिल्सन ने कहा कि हाई फूड प्राइस और जीवन पर संकट के समय में EU में इतनी बड़ी मात्रा में अनाज बर्बाद होना बड़ी समस्या है। EU के फूड प्रोडक्ट का 20% हिस्सा बर्बाद हो रहा है। 2030 तक EU अनाज की बर्बादी को आधा करता है तो 47 लाख हेक्टेयर के उपज के बराबर अन्न बचाया जा सकता है।