उत्तर प्रदेश

प्राचार्य द्वारा वेतन निर्धारण में त्रुटि पर शिक्षा निदेशक ने दिया कार्रवाई का आदेश

प्रयागराज – शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा), डा. अमित भारद्वाज ने तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर के प्राचार्य डॉ. आलोक कुमार सिंह के वेतन निर्धारण में अनियमितता के संबंध में आदेश जारी किया है। यह आदेश राज्यपाल/कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल सचिवालय उत्तर प्रदेश के निर्देश पर दिया गया है, जिसमें डॉ. सिंह पर वेतन निर्धारण में तथ्य गोपन का आरोप है।

प्रकरण की जांच के लिए गठित त्रिस्तरीय समिति, जिसमें सहायक निदेशक, संयुक्त निदेशक और वित्त नियंत्रक शामिल थे, ने पाया कि डॉ. आलोक कुमार सिंह को प्रोन्नति गलत तरीके से दी गई थी। उनकी प्रोन्नति स्टेज-2 (एजीपी 7000) से स्टेज-3 (एजीपी 8000) और स्टेज-3 से स्टेज-4 (एजीपी 9000) के बीच शासनादेशों और यूजीसी विनियमों के अनुसार नहीं हुई। जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. सिंह ने अपनी पीएचडी उपाधि नियुक्ति तिथि के नौ वर्ष की अवधि के बाद,11वर्ष के पश्चात 22 नवंबर 2013 को प्राप्त की, जबकि शासनादेशों के अनुसार उन्हें यह लाभ केवल पीएचडी उपाधि नियुक्ति तिथि से नौ वर्ष के भीतर प्राप्त होने पर ही मिलना चाहिए था। इसके बावजूद, उन्हें गलत तरीके से पूर्व की तिथि से प्रोन्नति दी गई।

वित्त नियंत्रक की आख्या के अनुसार, यह प्रकरण प्रशासनिक त्रुटि के कारण हुआ और वेतन निर्धारण पूर्व अधिकारियों द्वारा किया गया था। वर्तमान में यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है, जिसमें प्रोफेसर राम आसरे सिंह ने याचिका दायर की है।शिक्षा निदेशक ने आदेश दिया कि डॉ. आलोक कुमार सिंह की प्रोन्नति और वेतन निर्धारण को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है और छत्रपति शाहू जी

महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलसचिव के समन्वय से यूजीसी विनियमों के अनुसार नई प्रोन्नति प्रक्रिया संपन्न कराई जाए। ज्ञातव्य हो कि प्राचार्य पद के लिए न्यूनतम योग्यता एसोसिएट प्रोफेसर हो, 15 वर्ष की सेवा पूर्ण की हो तथा एजीपी 9000 प्राप्त किया हो ।आलोक कुमार सिंह ने आगणन वर्ष 2010-2011 अपने नाम के आगे डाक्टर लिखकर तथ्यगोपन कर एजीपी 8000 एवं एजीपी 9000 प्राप्त किया था। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने बताया कि एजीपी 8000 और एजीपी 9000 रद्द होते ही प्राचार्य पद के लिए डा.आलोक कुमार सिंह का अभ्यर्थन स्वत: शुन्य हो गया।

अब डॉक्टर आलोक कुमार सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर हो गए हैं।सेवा चाहे जितने वर्ष की हो,लेकिन एसोसिएट प्रोफेसर होना चाहिए। महामंत्री डॉक्टर शैलेंद्र सिंह ने प्रबन्ध तंत्र से मांग किया है कि डॉक्टर आलोक कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से प्राचार्य पद से कार्यमुकत किया जाय। प्रतिलिपियां भेजी गईं | इस आदेश की प्रतिलिपियां राज्यपाल सचिवालय, उच्च शिक्षा निदेशालय के विधि प्रकोष्ठ, वित्त नियंत्रक, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलसचिव, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, प्रबंधक तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर, डॉ. आलोक कुमार सिंह और प्रो. राम आसरे सिंह को सूचनार्थ प्रेषित की गई हैं।

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