खेती - बारी

5 साल से पेड़ को आशियाना बनाए है बूढ़ा किसान

गुमला. केंद्र व राज्य सरकार हर गरीब किसान को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने के दावे करते नहीं थक रही है, लेकिन गुमला ज़िले में इसकी हकीकत सामने है. घाघरा प्रखंड के बिमरला पंचायत में बियारवर टोली के एक किसान अगापित केरकेटा घर धंस जाने के बाद पिछले 5 सालों से पेड़ को आशियाना बनाए हुए हैं और प्रशासन केवल मूकदर्शन बना हुआ है. गर्मी, सर्दी और बरसात हर मौसम इस पेड़ को आशियाना बनाकर झेलता यह किसान किस तरह अपना भोजन जुटाता है, कैसे सालों से एक पेड़ के सहारे रहता है, क्या आप यह कल्पना कर सकते हैं?

अगापित किसी तरह अनाज गांव से मांग कर जुटाते हैं और फिर पेड़ की टहनियों पर किसी तरह सुरक्षित रख पाते हैं. पेड़ के सहारे जो उन्होंने घास फूस का आवास बना रखा है, वहीं बड़ी मुश्किलों से भोजन पकाते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करने और कई बार सरकारी बाबुओं से गुहार लगाने के बाद भी अगापित को जब मकान नहीं​ मिला, तब वह इस तरह जीने पर मजबूर हुए. तो अगापित का परिवार कहां है?
गुमला ज़िले के अगापित केरकेटा की उम्र लगभग 56 वर्ष है और उनके दो बेटे हैं. लेकिन दोनों ही गरीबी के कारण सालों पहले गांव से पलायन कर गए थे और अब तक घर नहीं लौटे. एक ग्रामीण महिला ने यह भी बताया कि अगापित के भाई भी हैं, लेकिन उनकी मदद कोई नहीं कर रहा है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सरकार के वादों और हकीकत में बड़ा फर्क है.
बिमरला पंचायत अति नक्सल प्रभावित इलाका है इसलिए यहां प्रशासन की पहुंच तकरीबन न के बराबर है. न्यूज़18 रिपोर्टर ने इस गांव में जाकर ग्रामीणों की आपबीती सुनी. ग्रामीणों की बातें और बारिश में अगापित के भीगते आशियाने व सामान को कैमरे ने कैद किया. ग्रामीणों का दावा है कि प्रखंड मुख्यालय से इस गांव में आज तक एक भी मकान पीएम आवास योजना के तहत नहीं मिला.

अगापित केरकेटा की हालत को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी विष्णु देव से जब बात की गई तो उन्होंने माना किदेव ने पंचायत सेवक के माध्यम से जांच करवाकर जल्द ही प्रधानमंत्री आवास दिलवाने की बात कही. लेकिन पांच सालों से केरकेटा को आवास क्यों नहीं मिला और इस गांव में पीएम आवास योजना के तहत आवंटन के क्या हाल हैं, इस पर कोई जवाब नहीं है.

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