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हॉस्पिटल का लाइसेंस

लखनऊ हॉस्पिटल में बड़ा खुलासा; फर्जी मरीज बनाकर सूई लगा दी;

लखनऊ। डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल में फर्जीवाड़े को लेकर एक के बाद एक नये खुलासे होते जा रहे हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एजेंट गांवों में चिकित्सा शिविर लगाकर भाड़े पर किसान और मजदूरों को अस्पताल लेकर आते थे। उन्हें भोजन और पैसे देते थे। अस्पताल में इस तरह का फर्जीवाड़ा काफी लंबे समय से चल रहा था। ओपीडी में भर्ती मरीजों के आंकड़ों से फर्जीवाड़े का खेल उजागर हुआ है। हालांकि, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच लगातार जारी है।

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ऐसे में और भी कई खुलासे होने की संभावना है। बता दें कि मजदूरों को जबरन मरीज बनाकर इलाज करने के खुलासे के बाद मंगलवार को प्रशासन ने डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मामले की तफ्तीश में जुटे हैं।

लखनऊ में बड़ा खेला, अस्पताल लाइसेंस के लिए मजदूरों को फर्जी मरीज बना सूई लगा दी

गौरतलब है कि डॉ आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल में मजदूरों के जबरन इलाज का खुलासा होने के बाद से ही ​पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच पड़ताल की जा रही है। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार को डॉ. आरआर सिन्हा हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि डॉ. आरआर सिन्हा हॉस्पिटल ने सीएमओ के नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिस पर लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल की ओर से फर्जी मरीजों को लाने के लिए 40 से ​अधिक एजेंट तैनात किये थे। ये एजेंट गांवों में ​चिकित्सा शिविर लगाने का काम करते थे। अस्पताल के नाम पर गांव में शिविर लगाया जाता था। वहां मजदूरों की जांच के बहाने अस्पताल की ओपीडी की पर्ची काटी जाती थी, अस्पताल में ओपीडी की संख्या बढ़ाई जा सके। इसके अलावा शिविर में आने वाले ग्रामीण व मजदूरों को भर्ती के लिए बहलाया फुसलाया जाता है।