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किस डे

‘लब-ए-ख़याल से उस लब का जो लिया … किस डे

7 फरवरी यानी रोज़ डे से वैलेंटाइन वीक आपको बता दें कि 13 फरवरी को किस डे (Kiss Day) मनाया जाता है. इस दिन एक लोग अपने पार्टनर या सोलमेट को किस करते हैं और अपने प्यार का इजहार भी करते हैं.

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किस डे1 –   जो रुख़ का देते नहीं लब का दीजिए, ये है मसल कि फूल नहीं पंखुड़ी सही- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
बोसा जो रुख़ का देते नहीं लब का दीजिए, ये है मसल कि फूल नहीं पंखुड़ी सही- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

2 –  एक बोसा होंट पर फैला तबस्सुम बन गया, जो हरारत थी मिरी उस के बदन में आ गई- काविश बद्री
एक बोसा होंट पर फैला तबस्सुम बन गया, जो हरारत थी मिरी उस के बदन में आ गई- काविश बद्री

3 – दिल-लगी में हसरत-ए-दिल कुछ निकल जाती तो है, बोसे ले लेते हैं हम दो-चार हँसते बोलते- मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम
दिल-लगी में हसरत-ए-दिल कुछ निकल जाती तो है, बोसे ले लेते हैं हम दो-चार हँसते बोलते- मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम

4- लब-ए-ख़याल से उस लब का जो लिया बोसा, तो मुँह ही मुँह में अजब तरह का मज़ा आया- जुरअत क़लंदर बख़्श
लब-ए-ख़याल से उस लब का जो लिया बोसा, तो मुँह ही मुँह में अजब तरह का मज़ा आया- जुरअत क़लंदर बख़्श

5- मिल गए थे एक बार उस के जो मेरे लब से लब, उम्र भर होंटों पे अपने मैं ज़बाँ फेरा किए- जुरअत क़लंदर बख़्श
मिल गए थे एक बार उस के जो मेरे लब से लब, उम्र भर होंटों पे अपने मैं ज़बाँ फेरा किए- जुरअत क़लंदर बख़्श

6-बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाहजी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है- मिर्ज़ा ग़ालिब
बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाहजी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है- मिर्ज़ा ग़ालिब