फ्रस्ट्रेटेड नेता हैं टिकैत: खट्टर
चंडीगढ़: दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने किसानों को संवाद से ही रास्ता निकालने की बात दोहराते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कहा है किसानों के हित के लिए कानून बनाए गए हैं. उस पर सभी को ध्यान से समझबूझ कर बात रखी चाहिए.’
चंडीगढ़ में माइनिंग के सिविल कांट्रैक्टर्स के साथ बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत को फ्रस्ट्रेटेड नेता बताया है. दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन के जिक्र पर बोलते हुए खट्टर ने ये कहा, ‘पीएम की बातों पर विश्वास करना चाहिए लेकिन कुछ फ्रस्ट्रेटेड नेता है जिनकी मंशा कुछ और ही है इसलिए वो किसानों के हित की बात नहीं कर रहे हैं.’
खट्टर ने ये भी कहा, ‘ ऐसे नेताओं के निजी स्वार्थ है इसलिए वो अपने हितों को साधने के लिए किसानों को आगे करके चल रहे हैं. गुरनाम सिंह चढूनी हो या फिर राकेश टिकैत दोनों के अपने-अपने निजी हित हैं जिसकी वजह से वो किसानों को गुमराह कर रहे हैं.’
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सीएम ने कहा, राकेश टिकैत को अगर समझाना ही है तो वह उत्तर प्रदेश में जाकर किसानों को समझाएं. हरियाणा में बहुत किसान खुशहाल हैं. बस सिर्फ कुछ लोग ही बहकावे में बने हुए हैं और हम उनको भी जल्द ही समझा कर संतुष्ट करेंगे. किसानों के लिए हरियाणा में कोई कठिनाई नहीं है.’
अपने संवाद में खट्टर ने ये भी कहा कि लाल किले की घटनाओं में दिल्ली पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ FIR की है, कुछ लोग गिरफ्तार भी हुए हैं और जो बचे हुए हैं वो भी जल्दी पकड़े जाएंगे.
नवंबर 2020 में जब आंदोलन शुरु हुआ, तब टिकैत की भूमिका सीमित दिख रही थी. लेकिन राकेश टिकैत ने 26 जनवरी के घटनाक्रम के बावजूद आंदोलन को जान डाल दी. तब आंसू बहाने के साथ टिकैत ने ऐलान किया कि ‘देश का किसान सीने पर गोली खाएगा, पर पीछे नहीं हटेगा.’ उन्होंने यह धमकी भी दी कि ‘तीनों कृषि क़ानून अगर वापस नहीं लिये गए, तो वे आत्महत्या करेंगे, लेकिन धरना-स्थल खाली नहीं करेंगे.’