ज्यादातर राज्यों ने किया नए कृषि कानूनों का स्वागत, लेकिन…
हैदराबाद. केंद्रीय मंत्री भगवंत खुबा ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का देश के कई राज्यों ने स्वागत किया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ये कानून निश्चित तौर पर किसानों के लिए लाभकारी हैं. नवीकरणीय ऊर्जा, रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री ने कहा कि नए कानून से कृषि क्षेत्र में काफी निवेश आएंगे और किसान अपने उत्पाद को देश के किसी भी कोने में अच्छी क़ीमत पर बेच सकते हैं.
मंत्री के अनुसार देश के ज़्यादातर राज्यों ने कानूनों का स्वागत किया है और किसानों को इससे फ़ायदा होगा. खुबा ने कहा कि किसानों के फ़ायदे और 2022 तक उनकी आमद दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री ने कई कदम उठाए हैं. इस कदम के तहत केंद्र सरकार बंद पड़े पांच उर्वरक संयंत्रों को पुनर्जीवित कर रही है और इसमें तेलंगाना का रामागुंडम संयंत्र भी शामिल है.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान कितने किसान मरे, इसका सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद को यह जानकारी दी. तोमर ने यह भी कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों के बारे में किसानों के मन में आशंकाओं का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन नहीं कराया है.
तीन कानूनों के विरोध में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान 8 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. इनमें से 200 किसानों का एक छोटा समूह अब विशेष अनुमति मिलने के बाद दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहा है.