मथेंगी पूरा यूपी, माया की जिद, बोलीं- भाजपा का नाश किए बिना चैन से नहीं बैठूंगी..
पहली रैली सहारनपुर में करने का एलान किया है। भाजपा को दलित विरोधी करार देते हुए माया ने कहा कि वे इस पार्टी का समूल नाश किए बिना चैन से नहीं बैठेंगी।
बसपा की बागडोर संभालने के बाद से मायावती चुनाव से जुड़ी रैलियां करने के अलावा शायद ही कभी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंची होंगी। बसपा के काडर की यही सबसे बड़ी शिकायत रही है। लेकिन लोकसभा में दल की मौजूदगी शून्य और यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार ने उन्हें मंडल से लेकर विधानसभा स्तर पर पहुंच कर कार्यकर्ता सम्मेलन करने को मजबूर कर दिया है।
सहारनपुर में दलित विरोधी हिंसा के खिलाफ 18 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद बसपा प्रमुख ने रविवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुला कर मिशन यूपी का खाका तैयार किया। बैठक के बाद उन्होंने अपने कार्यक्रम की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि हर महीने की 18 तारीख को रैली होगी, क्योंकि इसी दिन मैंने इस्तीफा दिया था। रैली के अलावा वह इस दौरान कार्यकर्ताओं और लोगों से सीधा संवाद करेंगी।
अब सिर्फ निशाने पर भाजपा
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि पहली रैली सहारनपुर-मेरठ में होगी। जून 2018 के बाद आगे की रणनीति पर विचार होगा। उन्होंने भाजपा को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि अब उनका मिशन भाजपा का नाश करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह यूपी ही नहीं पूरे देश में भाजपा की दलित विरोधी नीति का पर्दाफाश करेंगी। मायावती की इस रणनीति को राज्य में उनकी खोई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी के एक जिम्मेदार पदाधिकारी बताते हैं कि विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन पूरा होते ही वे लोकसभा चुनाव के एलान तक के लिए नए कार्यक्रम की घोषणा करेंगी। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा है कि वे 2019 की सत्ता हासिल करने का लक्ष्य लेकर जनता के बीच जाएंगी।
इसी रणनीति के तहत मंडल स्तरीय व विधानसभा स्तरीय सम्मेलन को ‘जन चेतना सत्ता प्राप्त करो मंडल व विधानसभा स्तरीय सम्मेलन’ नाम दिया गया है।
माया सम्मेलनों में भाजपा को दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम विरोधी के रूप में पेश करेंगी। किसान, गरीब व मजदूर विरोधी भी साबित करेंगी। इसके अलावा भाजपा को जातिवादी, सांप्रदायिक व पूंजीवादी नीतियों की पोषक बताएंगी।
वह यह भी बताएंगी कि उपेक्षित वर्गों की हितैषी सिर्फ वे ही हैं। यह पूरी कवायद बिखरते दलित जनाधार को वापस पाने की कवायद मानी जा रही है।
मायावती के पहले चरण का कार्यक्रम
तिथि–कार्यक्रम–स्थल–इन मंडलों का होगा सम्मेलन
18 सितंबर–मेरठ–मेरठ व सहारनपुर
18 अक्तूबर–वाराणसी–वाराणसी व आजमगढ़
18 नवंबर–आगरा–आगरा व अलीगढ़
18 दिसंबर–फैजाबाद–फैजाबाद व देवीपाटन
18 जनवरी–उरई (जालौन)–चित्रकूट व झांसी
18 फरवरी–इलाहाबाद–मिर्जापुर व इलाहाबाद
18 मार्च–मुरादाबाद–मुरादाबाद व बरेली
18 अप्रैल–गोरखपुर–गोरखपुर व बस्ती
18 मई–लखनऊ–कानपुर व लखनऊ