उत्तर प्रदेश

धर्म संपरिवर्तन बिल विधानसभा से पास

लखनऊ :लव जिहाद के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2021 यूपी विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया है। विधेयक को सदन के पटल पर विचार के लिए रखा गया था। विपक्ष ने इसे प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की थी। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ऐसा पाया गया है कि धर्म परिवर्तित कर धोखाधड़ी करके शादी की जा रही है, जिस पर हम लोगों ने सज़ा का प्रावधान किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले अध्यादेश के जरिये लाए गए धर्मांतरण कानून को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। योगी सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण अध्यादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चार अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी गई है। इसमें अध्यादेश को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में धर्मांतरण कानून के दुरुपयोग होने की आशंका जाहिर की गई है। याचिका में कहा गया है की इस कानून के जरिए समाज विशेष के लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा, यह कानून विधि सम्मत नहीं है। साथ ही संविधान के खिलाफ बताते हुए रद्द किए जाने की मांग की गई है।

याची अधिवक्ता रमेश कुमार के मुताबिक 25 जनवरी को पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सभी याचिकाओं को सुने जाने की अर्जी दाखिल होने का हवाला देते हुए सुनवाई के लिए समय मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में किसी तरीके से रोक लगाने या हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए राज्य सरकार की मांग खारिज कर दी थी।

बुधवार को चार विधेयक विधानसभा की पटल पर रखे गए। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 के अलावा उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपति विरूपण विधेयक 2021 को पुस्थापित किया गया। उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2021 को पुनर्स्थापित किया गया और उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2021 भी पारित किया गया। वहीं, राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव में विपक्ष का संशोधन ध्वनिमत से गिर गया। इसके साथ ही ध्वनिमत से ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ पास हो गया।

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